वायदे से पलटी सरकार, खिलाफत में स्वास्थ्यकर्मी

25 मई से काला फीता बांधकर काम करेंगे। कोविड प्रबंधन में लगे कर्मियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर सरकार ने नजरिया बदल लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 04:45 AM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 04:45 AM (IST)
वायदे से पलटी सरकार, खिलाफत में स्वास्थ्यकर्मी
वायदे से पलटी सरकार, खिलाफत में स्वास्थ्यकर्मी

जासं, मैनपुरी: कोविड प्रबंधन में लगे सभी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने के वायदे से सरकार पलट गई है। ऐसे में सरकार के खिलाफ अब स्वास्थ्यकर्मियों में रोष पनपने लगा है। सरकार की नीति के विरोध में अब स्वास्थ्यकर्मी 25 मई से काला फीता बांधकर अपना विरोध जताते हुए काम करेंगे।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा शासन के मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर स्वास्थ्यकर्मियों को सुविधा देने की मांग की है। परिषद के मंडलीय सचिव शिवमंगल सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री ने चार मई को कहा था कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में तैनात चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाईकर्मियों को मूल वेतन से अलग 25 फीसद तथा लैब तकनीशियन, डाटा एंट्री आपरेटर व लैब सहायक को 10 फीसद अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। लेकिन, छह मई को जारी शासनादेश में आंशिक रूप से कर्मचारियों व चिकित्सकों को ही शामिल किया गया है। उनका कहना है कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ पूरे मनोयोग से कोविड मरीजों के उपचार में लगा हुआ है। कई तो इस दौरान संक्रमित भी हो चुके हैं। सरकार का यह निर्णय गलत है, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। परिषद ने एलान किया है कि सभी स्वास्थ्यकर्मी सरकार की इस नीति के विरोध में 25 मई से काला फीता बांधकर काम करेंगे। मुआवजा न मिला तो होगा आंदोलन

परिषद के संयुक्त सचिव का कहना है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाए जाने के बाद कई कर्मचारी संक्रमित हुए, कई की मौत भी हो चुकी है। सरकार द्वारा गलत आंकडे़ प्रदर्शित किए जा रहे हैं। चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना वारियर्स को मिलने वाली 50 लाख रुपये के मुआवजे की धनराशि यदि मृतकों को न दिलाई गई तो परिषद पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेगी।

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