स्कूल का किया मुआयना और गवाहों से की पूछताछ

छात्रा दुष्कर्म-हत्याकांड जांच का एक सप्ताह उच न्यायालय ने एसआइटी को दिया है छह सप्ताह में जांच करने का आदेश

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:44 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:44 AM (IST)
स्कूल का किया मुआयना और गवाहों से की पूछताछ
स्कूल का किया मुआयना और गवाहों से की पूछताछ

जासं, मैनपुरी : छात्रा दुष्कर्म हत्याकांड की जांच के लिए हाई कोर्ट ने छह सप्ताह का समय दिया है। नए विशेष जांच दल (एसआइटी) ने जांच का एक सप्ताह पूरा कर लिया। इस दौरान स्कूल का कई बार मुआयना किया गया। स्कूल प्रधानाचार्य और छात्रा के माता-पिता सहित कई लोगों से ताबड़तोड़ पूछताछ की।

16 सितंबर 2019 कक्षा 11 की छात्रा का शव विद्यालय के हास्टल में झूलता मिला था। छात्रा के पिता ने हत्या और दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। स्वजन ने घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की थी। प्रशासन ने सीबीआइ जांच की संस्तुति कर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था। इसी बीच आइजी कानपुर मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर दी गई। दो साल बाद भी एसआइटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी।

घटना की जांच में शिथिलता को लेकर शहर के मुहल्ला देवपुरा निवासी महेंद्र प्रताप सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने 16 सितंबर 2021 को आदेश पारित कर छह सप्ताह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया। इस पर शासन द्वारा एडीजी भानु भाष्कर के नेतृत्व में नई एसआइटी गठित की गई। उच्च न्यायालय के आदेश के अगले ही दिन पुलिस महानिदेशक ने एसआइटी के साथ बैठक की। इस दौरान तत्कालीन एसओ भोगांव पहुप सिंह और मौजूदा एसओ रवींद्र बहादुर से जानकारी ली गई थी। घटना के सभी पहलुओं पर विस्तार से मंथन के बाद कार्ययोजना तैयार की गई। एसआइटी ने पहले सात दिन में घटना के हत्या या आत्महत्या होने के पहलुओं पर जांच की है। पहले दिन नापी फंदे वाले कुंडे की ऊंचाई

लखनऊ बैठक के बाद अगले दिन एसआइटी जिला मुख्यालय पहुंची मुख्यालय पहुंची। सर्किट हाउस में बैठक के बाद एसआइटी विद्यालय पहुंची। विद्यालय परिसर का निरीक्षण किया गया। उस कुंडे की ऊंचाई नापी गई, जिस पर छात्रा का शव झूलता मिला था। क्राइम सीन भी रिपीट किया गया। चहारदीवारी की ऊंचाई से सुराग तलाश की कोशिश

एसआइटी ने विद्यालय की चहारदीवारी का मुआयना किया। दीवार की ऊंचाई नापकर बाहर से किसी के अंदर आने की संभावना तलाशी। माता-पिता से पांच घंटे तक पूछताछ

एसआइटी गठित होने के समय छात्रा के पिता सुल्तानपुर में थे। पुलिस ने अपना वाहन भेजकर उन्हें सुल्तानपुर से बुलवाया। छात्रा की मां रिश्तेदारी में एटा में थीं। वे खुद ही सर्किट हाउस पहुंचीं। इस दौरान दोनों से करीब पांच घंटे तक घटना को लेकर जानकारी ली गई। माता-पिता ने की पुरानी एसआइटी की शिकायत

नई एसआइटी ने माता-पिता के साथ अच्छा बर्ताव किया। दोनों को अपने साथ खाना खिलाया। इसका सकारात्मक प्रभाव दिखाई दिया। नई एसआइटी के बर्ताव से माता-पिता संतुष्ट दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने पुरानी एसआइटी द्वारा दु‌र्व्यवहार किए जाने की शिकायत की। प्रधानाचार्य और अन्य गवाहों के बयान दर्ज

एसआइटी ने विद्यालय के प्रधानाचार्य से काफी देर बातचीत की। इसके साथ ही अन्य स्टाफ से भी घटना को लेकर जानकारी की। विद्यालय छोड़ चुके कुछ छात्रों और उनके अभिभावकों से भी जानकारी ली है। उपकेंद्र में जाकर बिजली आपूर्ति की जांच

एसआइटी ने विद्यालय में आपूर्ति देने वाले विद्युत उपकेंद्र पहुंच कर वहां के पुराने अभिलेख खंगाले। यह जानने की कोशिश की कि घटना वाली रात विद्यालय परिसर की विद्युत आपूर्ति सुचारु रही थी या कटौती की गई थी। चिकित्सक से ली पोस्टमार्टम की जानकारी

छात्रा के शव का पोस्टमार्टम पैनल से कराया गया था। पैनल में शामिल डा. निशिता यादव से एसआइटी ने जानकारी ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में पूछताछ की।

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