कर्तव्य का धर्म की तरह पालन करो : विहसंत सागर
करहल कस्बा के जैन मंदिर नसियाजी में जैन मुनि विहसंत सागर महाराज ने धर्म प्रेमियों के समक्ष कर्तव्य और धर्म की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कर्तव्य को धर्म समझकर जीवन भर उस पर अडिग रहता है उसके रास्ते में कभी कोई कठिनाई नहीं आती है। अगर आप किसी से पगार ले रहे हैं तो आपका भी कर्तव्य है कि उस व्यक्ति को बदले में पूरा काम दें।
संवाद सूत्र, मैनपुरी: करहल कस्बा के जैन मंदिर नसियाजी में जैन मुनि विहसंत सागर महाराज ने धर्म प्रेमियों के समक्ष कर्तव्य और धर्म की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कर्तव्य को धर्म समझकर जीवन भर उस पर अडिग रहता है, उसके रास्ते में कभी कोई कठिनाई नहीं आती है। अगर, आप किसी से पगार ले रहे हैं तो आपका भी कर्तव्य है कि उस व्यक्ति को बदले में पूरा काम दें।
जैन मुनि ने रामचरित मानस का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब राजा दशरथ ने श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास देने की बात कही तो उन्होंने पिता की आज्ञा को कर्तव्य मानकर पूरा किया। वनवास वह होता है, जिसमें एक ही वस्त्र शरीर पर धारण हो, धन पास में न हो और भिक्षुओं की तरह भोजन करे। उन्होंने शाकाहार की महत्ता बताते हुए कहा, अगर व्यक्ति शाकाहार अपना ले तो उसको जीवन में कभी कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने बताया घोड़ा शाकाहारी होता है। वैज्ञानिकों ने ताकत का नाप घोड़े को ही बताया है, शेर को नहीं। उन्होंने कहा कि जापान के टोक्यो में ओलंपिक खेल चल रहे हैं, जिसमें हमारे देश की एक महिला खिलाड़ी ने पदक जीत का श्रेय भी शाकाहार भोज को ही बताया है।
वहीं, जैन मंदिर परिसर में चल रहे 45 दिवसीय जिन कल्याणक विधान में बुधवार को सौधर्म इंद्र के रूप में ललन कुमार जैन और कुबेर इंद्र के रूप में जितेंद्र कुमार जैन सम्मिलित हुए। पंकज जैन, प्राची जैन, तन्मय जैन, अमरीश कुमार जैन, शिवम कुमार जैन ने शांतिधारा कार्यक्रम में सम्मिलित होकर धर्म लाभ कमाया। धर्म सभा में मनीष जैन, विनय मुजवार, हिमांशु जैन, जीवन जैन पटवारी, मुकेश कुमार जैन, नीरज कुमार रपरिया, अवधेश जैन, अवनीश जैन, आदेश जैन, सुशील जैन, जितेंद्र जैन, राजेश मुजवार, सुबोध रपरिया, मनोज रावत, सुशील जैन चिटू, अमित जैन शास्त्री, आलोक बकेबरिया, हर्ष रपरिया, धीरेंद्र जैन, ऋषभ जैन उपस्थित रहे।