चेचक से आया बुखार, दो शिशुओं की मौत

सर्दियां आते ही तेज होने लगा बुखार का प्रकोप, आधा सैकड़ा भर्ती हुए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 09:22 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 10:00 PM (IST)
चेचक से आया बुखार, दो शिशुओं की मौत
चेचक से आया बुखार, दो शिशुओं की मौत

मैनपुरी, जागरण संवाददाता : सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बच्चों की बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं। चेचक और बुखार के कारण अलग-अलग क्षेत्र में दो शिशुओं की मौत हो गई। इमरजेंसी में पर्याप्त चिकित्सकीय इंतजाम न होने के कारण ज्यादातर मरीजों को सैफई के लिए रेफर करना पड़ रहा है।

सर्दियों के साथ बच्चों और बुजुर्गों की सेहत बिगड़ने लगी है। मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में लगभग नौ सैकड़ा से ज्यादा मरीज पहुंचे। ज्यादातर बुखार और दमा रोग से पीड़ित थे। बच्चों में छाती का इंफेक्शन, बुखार और सांस की दिक्कत ज्यादा मिली। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक दुबे का कहना है कि नवजात और शिशुओं की देखभाल बेहद जरूरी है। बदलते मौसम का प्रभाव सबसे ज्यादा इन पर पड़ता है।

किशनी क्षेत्र के गांव सकरामपुर निवासी सतेंद्र के 11 माह के पुत्र शिवांश को चेचक निकली थी। उसे लगातार बुखार आ रहा था। मंगलवार सुबह हालत बिगड़ी तो परिजन शिशु को लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दन्नाहार क्षेत्र के गांव झंडाहार निवासी आयुष (एक वर्ष) पुत्र सुखवीर भी बुखार से पीड़ित था। हालत बिगड़ने पर परिजन इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने बालक को मृत घोषित कर दिया। दमा रोग से बुजुर्ग महिलाओं की मौत: सर्दियों के आते ही बुजुर्गों में दमा की बीमारी भी तेजी से असर दिखा रही है। किशनी क्षेत्र के गांव कटरा निवासी माया देवी (73) पत्नी किशनलाल बुखार और दमा की बीमारी से परेशान थीं। मंगलवार को अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एटा जिला के गांव रेवाड़ी निवासी अंगूरी देवी (96) पत्नी रामगोपाल सक्सेना रिश्तेदारी मे आई हुई थीं। सांस उखड़ने से दिक्कत हुई तो परिजन इमरजेंसी लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया।

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