माक ड्रिल में फेल जिला अस्पताल का पीआइसीयू

नोडल अधिकारी को मिली खामियां व्यवस्थाओं को सुधारने के दिए निर्देश

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:22 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:22 AM (IST)
माक ड्रिल में फेल जिला अस्पताल का पीआइसीयू
माक ड्रिल में फेल जिला अस्पताल का पीआइसीयू

जासं, मैनपुरी: संक्रामक बीमारियों के कहर के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं को परखने के लिए जिले में पहुंचे नोडल अधिकारी के सामने पीआइसीयू की व्यवस्थाएं चरमराती दिखीं। माक ड्रिल में जिला अस्पताल के एल-2 में बने पीआइसीयू में कई खामियां सामने आने पर उन्होंने अव्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं।

बुखार और डेंगू के कहर से लोग लगातार दम तोड़ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार हैं। जिले की स्थिति से शासन भी अच्छी तरह से अवगत है। ऐसे में शुक्रवार को व्यवस्थाओं की पड़ताल के लिए लखनऊ से जिले के नोडल बनाए गए अपर निदेशक डा. बीएस चौहान मैनपुरी पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल के एल-2 आइसोलेशन अस्पताल में बनाए गा पीआइसीयू वार्ड का जायजा लिया। यहां माक ड्रिल का आयोजन कराया गया। ड्रिल में एंबुलेंस फोन करने के 10 मिनट बाद भी मौके पर नहीं पहुंची। उसके बाद बीमार बच्चे को लेकर वार्ड तक पहुंचाने में भी लगभग 20 मिनट का समय नष्ट कर दिया। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि रिस्पांस टाइम को लेकर ही जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। बच्चों को समय पर मौके पर बेहतर उपचार देने और उन्हें अटेंड करने वाले स्टाफ को पूरा प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। स्ट्रेचर को किस तरफ ले जाया जाना है, इसका इंडिकेशन सिबल भी गलत बनाया गया है।

उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इन खामियों में सुधार किया जाएगा। बेहद एक्सपर्ट टीम को ही पीआइसीयू की जिम्मेदारी दी जाए। एंबुलेंस को अपना रिस्पांस टाइम कम करना होगा। जल्द से जल्द मरीज को वार्ड में भर्ती कराना होगा। उनके साथ सीएमओ डा. पीपी सिंह, सीएमएस डा. अरविद कुमार गर्ग, डा. पीके दुबे, डा. डीके शाक्य उपस्थित थे। किशनी सीएचसी में बेहतर मिले हालात

दोपहर में नोडल अधिकारी ने किशनी सीएचसी पहुंचकर एल-1 प्लस स्तर के पीआइसीयू वार्ड का जायजा लिया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अजय भदौरिया की मौजूदगी में माक ड्रिल कराई। रिस्पांस टाइम में सुधार के निर्देश दिए। यहां व्यवस्थाएं बेहतर मिलीं। उन्होंने कहा कि इन दिनों बुखार तेजी से हमला कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं को चौबीस घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए। मरीजों को तत्काल मौके पर ही उपचार की व्यवस्था कराई जाए। उनके साथ रवींद्र सिंह गौर, कमल चौहान, अनिल कुमार उपस्थित थे।

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