कूड़ा निस्तारण को लेकर हर कोई बेफिक्र
डस्टबिन को लेकर पालिका प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। कूड़ा उठान भी बड़ी समस्या बन रहा है। दोपहर तक गंदगी के ढेर लगे रहते हैं।
जासं, मैनपुरी:
दृश्य: एक 100 शैया अस्पताल के पास खाली पड़ी जगह को अस्थायी डलावघर बना दिया गया है। सफाई कर्मचारी आसपास की कालोनियों से कचरा लाकर यहां फेंकते हैं। कई-कई दिनों तक कचरे का उठान न होने से दुर्गंध उठती रहती है। इससे मरीजों और तीमारदारों को भी परेशानी होती है। दृश्य: दो
आवास विकास कालोनी में बीएसएनएल कार्यालय के पास की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। कालोनी में लोगों के घरों के आसपास कचरे का ढेर लगा रहता है। यहां भी दोपहर तक कचरे का उठान नहीं कराया जाता। आसपास के नागरिक और राहगीरों को दुर्गध का सामना करना पड़ रहा है। सिर्फ यह दो स्थान नहीं, कमोबेश यही स्थिति पूरे शहर की है। स्वच्छता को लेकर दावे तो बडे़-बडे़ किए जाते हैं, लेकिन गंभीरता कहीं नहीं है। पालिका प्रशासन द्वारा सफाई की अधूरी व्यवस्था कराई गई है। जो डस्टबिन रखवाए गए हैं, उनमें से कुछ टूट चुके हैं तो कुछ नालियों में गिरे पडे़ हैं। ज्यादातर तो भर जाने के बाद पलट दिए जाते हैं। इनके बेहतर रख-रखाव और सफाई को लेकर सफाई निरीक्षकों द्वारा आज तक कोई पड़ताल नहीं कराई गई। गलियों से कचरा लाकर कर्मचारी सड़कों के किनारे ही डंप कर देते हैं। दोपहर तक कचरे का उठान नहीं कराया जाता है। दुर्गंध के बीच से ही लोगों को आवागमन करना पड़ता है।
लोग भी बेफिक्र
ज्यादातर गंदगी दुकानदारों के द्वारा फैलाई जाती है। किसी भी दुकानदार ने अपने यहां डस्टबिन नहीं रखवाए हैं। खाद्य सामग्री की बिक्री करने के बाद उसके रेपर या दोने, पत्तल आदि को सीधे नालियों में या फिर सड़कों पर फेंक दिया जाता है। स्टेशन रोड पर हरिदर्शन नगर के आसपास सड़क किनारे लगने वाले हथठेलों द्वारा प्रतिदिन रात को बड़ी मात्रा में गंदगी सड़क पर ही फेंकी जा रही है। इस मनमानी को रोकने के लिए पालिका प्रशासन द्वारा कोई सख्ती नहीं की गई। यह कहते हैं लोग
लापरवाही दोनों स्तर से है। पालिका प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा और लोगों द्वारा लापरवाही की जा रही है। कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ पालिका प्रशासन को चालान की व्यवस्था करनी होगी। सख्ती के बगैर कुछ नहीं हो सकता।
पल्लव जैन, कारोबारी। दुकानदारों को यह हिदायत दी जाए कि वे सड़कों या नालियों में गंदगी नहीं फेंकेंगे। सभी को अपने पास डस्टबिन रखने होंगे। यदि फिर भी किसी दुकानदार द्वारा नियम का उल्लंघन किया जाता है तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई कराई जाए।
-राकेश गुप्ता, सदर बाजार। पालिका प्रशासन को कूड़ा उठान के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए। जब कालोनियों का कचरा सीधे गाड़ियों में भरा जाएगा तो सफाई कर्मचारी उसे सड़कों के किनारे डंप नहीं करेंगे। इससे गंदगी का निस्तारण होने लगेगा।
-सुमित कुमार, स्टेशन रोड। कूड़ा निस्तारण के लिए सफाई निरीक्षक, नायक और कर्मचारी तीनों की जिम्मेदारी तय कर दी जाए। प्रतिदिन इन तीनों की मानीटरिग कराई जाए। जिसके क्षेत्र में लापरवाही दिखे, उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाए। सख्ती के साथ शहर को स्वच्छ बनाने का काम करना होगा।
-अनिल दुबे, आवास विकास कालोनी।
वर्जन डस्टबिन पर्याप्त हैं। सफाई निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन सफाई व्यवस्था का जायजा लेंगे। जहां कमी होगी उसे दूर करेंगे। जिम्मेदार सभी अधिकारियों को व्यवस्था की पड़ताल करनी होगी। लोगों से भी अपील है कि कचरे को सड़कों पर फेंकने की बजाय डस्टबिन में ही डालें।
-मनोरमा देवी, पालिकाध्यक्ष।