निष्पक्ष नहीं रही चुनाव आयोग की मशीनरी

भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने जिपं के वार्ड 28 के परिणाम पर सवाल उठाए। सपा के दबाव में कई वार्डों में परिणाम बदले गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 04:23 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 04:23 AM (IST)
निष्पक्ष नहीं रही चुनाव आयोग की मशीनरी
निष्पक्ष नहीं रही चुनाव आयोग की मशीनरी

जासं, मैनपुरी: भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने जिला पंचायत सदस्य पद के वार्ड संख्या 28 के परिणाम को संदेह के घेरे में लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग की मशीनरी पर सवाल खड़े किए हैं। रात को तहसील जाने पर सदर विधायक की निष्ठा को कठघरे में खड़ा करते हुए अफसरों पर सपा के दबाव में कई परिणाम बदलने का आरोप लगाया है।

वार्ड 28 की पुनर्मतणना में सदर विधायक की पत्नी वंदना की जीत को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा कि रात के अंधेरे में लोकतंत्र की हत्या की गई। पार्टी समर्थित प्रत्याशी की शिकायत पर अफसरों ने ध्यान नहीं दिया तो वह मंगलवार को डीएम से मिले और पुनर्मतणना कराने को कहा था। इसके बाद हुई पुनर्मतणना में एक बंडल गायब होने की जानकारी पर वह मैनपुरी ब्लाक आए पता चला कि प्रत्याशियों से चार्ट पर हस्ताक्षर करने को कहा, मना करने पर बाहर निकाल दिया। इस पर उन्होंने सभी को अंदर कराया।

परिणाम को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कि रात के दो बजे सदर विधायक तहसील क्या करने गए। छह माह बाद सत्ता में आने की धमकी देकर परिणाम बदलवाए गए। करहल में तीन घंटे तक एमएलसी मतगणना स्थल पर जमे रहे, सत्ता में आने की धमकी देकर तीन वार्डाें में पार्टी प्रत्याशी हरवाए गए। आरओ पर सपा प्रत्याशी को जितवाने को आमादा होने की बात कहते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिले में पंचायती राज व्यवस्था को कलंकित किया गया, चुनाव मशीनरी निष्पक्ष नहीं रहीं।

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भाजपा जबरन हरवाना चाहती थी: वंदना

वार्ड 28 से जीती सपा विधायक की पत्नी वंदना यादव ने कहा कि वह तो मतगणना में ही जीत गई थी। भाजपा के दबाव में उनको प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। सत्ता के दबाव में उनको हराने के लिए पुनर्मतणना कराई गई। उधर, विधायक राजकुमार यादव ने तहसील में जाने से इन्कार करते हुए पत्नी की जीत को मतदाताओं की विजय बताया।

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