सीएचसी से डाक्टर रहते गायब, फार्मासिस्ट करते इलाज

गांव की स्वास्थ्य सेवा का हाल घिरोर के गोधना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच के सापेक्ष तैनात हैं दो डाक्टर जांच की भी कोई व्यवस्था नहीं मरीज लगाते जिला अस्पताल के चक्कर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 06:50 AM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 06:50 AM (IST)
सीएचसी से डाक्टर रहते गायब, फार्मासिस्ट करते इलाज
सीएचसी से डाक्टर रहते गायब, फार्मासिस्ट करते इलाज

संवाद सूत्र, घिरोर: ग्रामीण स्तर तक इलाज के इंतजाम दुरुस्त करने के दावों को घिरोर का गोधना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आइना दिखा रहा है। यहां चिकित्सकों के कमरों पर ताला लटकता रहता है। मरीज यहां भटकते रहते हैं। डाक्टरों के न रहने पर इलाज का जिम्मा फार्मासिस्ट निभा रहे हैं। जांच करानी हो तो भूल जाइए, एक्सरे-अल्ट्रासाउंड तो दूर सामान्य जांच तक की यहां सुविधा ही नहीं है। मरीजों को मजबूरी में जिला अस्पताल या फिर निजी हास्पिटल में महंगा इलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है।

मंगलवार को जागरण की टीम ने 30 शैय्या वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल की तो यही हकीकत सामने आई। सामुदायिक स्वस्थ केंद्र गोंधना पर 11 बजे भवन का गेट खुला था। कुछ मरीज इधर-उधर टहल रहे थे। गोधना निवासी रन्नो देवी बुखार की दिक्कत के चलते उपचार को आई थीं। उन्होंने पहले डाक्टर की तलाश की तो चिकित्साधीक्षक डा. प्रवीण कुमार के कमरे मे ताला लटका हुआ था। चीफ फार्मासिस्ट ओमकार सिंह भी गैरहाजिर थे और कमरे पर ताला लटका था। फार्मासिस्ट जयप्रकाश यादव अपनी कुर्सी पर मौजूद मिले। उन्होंने महिला को दवाएं दीं। कर्मचारी राय सिह भी मौजूद थे। बताया गया कि दो अन्य कर्मचारी अनुपस्थित हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के पांच पद हैं, परंतु वर्तमान में केवल दो की ही तैनाती है। डा. प्रवीण कुमार के साथ दंत चिकित्सक अग्रिमा सिंह तैनात हैं, परंतु दोनों अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। अस्पताल में कोई भी मरीज भर्ती नहीं था। बताया गया कि केंद्र पर चिकित्सक लगभग हर दिन गैरहाजिर रहते हैं। ओपीडी काफी समय से बंद है, फिर भी रोजाना 40 लोग दवाएं आदि लेने के लिए पहुंचते हैं। उनमें से ज्यादातर को मायूस लौटना पड़ता है या शहर में जिला अस्पताल जाना पड़ता है। मामले में पक्ष जानने के लिए जब चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रवीण कुमार से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। जांच का नहीं है कोई इंतजाम

सीएचसी भवन में पैथोलाजी बनी हुई है, परंतु यहां जांच की कोई सुविधा नहीं है। एक्सरे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन भी उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में यहां कोरोना की जांच भी नहीं की जा रही है। न कोरोना वैक्सीन और न सामान्य टीकाकरण

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सामान्य टीकाकरण की भी कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। सीएचसी पर कोरोना वैक्सीनेशन भी नहीं किया जा रहा है। आइसोलेशन वार्ड बनाने की हो रही तैयारी

अस्पताल परिसर में कोरोना संक्रमितों के लिए आइसोलेशन बनाने का काम चल रहा है। जल्द ही इसके पूरा होने की उम्मीद है। लापरवाही पर होगी कार्रवाई: सीएमओ

सभी चिकित्सकों को समय से उपस्थित रहने के निर्देश हैं। सीएचसी गोधना के मामले की जांच कराई जाएगी और लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डा. एके पांडेय सीएमओ

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