स्टेरायड कहीं बढ़ा न दे मरीजों की मुश्किल

कोरोना के उपचार में ज्यादातर मरीजों को स्टेरायड दवा दी गई है। अब इस दवा का विपरीत असर दिख रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 04:15 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 04:15 AM (IST)
स्टेरायड कहीं बढ़ा न दे मरीजों की मुश्किल
स्टेरायड कहीं बढ़ा न दे मरीजों की मुश्किल

जासं, मैनपुरी: कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों के उपचार में स्टेरायड दवाओं के इस्तेमाल को प्रमुखता दी गई। चिकित्सकों द्वारा प्रत्येक तीसरे मरीज के लिए इन दवाओं के सेवन को अनिवार्य कर दिया गया, लेकिन अब ज्यादातर मरीजों में ठीक होने के बाद विपरीत लक्षण दिख रहे हैं। स्वास्थ्य जानकार अत्यधिक सेवन से नुकसान होने की बात कहते हैं।

स्टेरायड क्रीम का आमतौर पर उपयोग लोग चेहरे को आकर्षक बनाने के लिए करते थे, लेकिन कोरोना के संक्रमण के दौरान इन दवाओं को जीवनरक्षक दवाओं के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। डा. राज विक्रम का कहना है कि कोविड संक्रमण से जूझ रहे ऐसे मरीज जिन्हें सांस लेने में समस्या हो रही थी, उन्हें चिकित्सीय परामर्श के अनुसार स्टेरायड के हल्के डोज दिए गए थे। ये डोज बेहद सीमित समय के लिए होते हैं। बहुत से ऐसे भी मरीज रहे हैं, जिन्होंने इंटरनेट पर कोविड की दवाओं की जानकारी ली और उसमें स्टेरायड को भी शामिल कर लिया। ऐसे मरीजों को समस्या हो रही है।

जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गौरांग गुप्ता का कहना है कि लंबे समय से बिना डाक्टरी परामर्श के इन दवाओं का सेवन करने से फंगल इंफेक्शन की समस्या हो रही है। कुछ मरीज जिला अस्पताल में ऐसे आए हैं जो कोरोना के दौरान स्टेरायड का सेवन कर रहे थे। अब इनका उपचार शुरू किया गया है। ईएनटी विशेषज्ञ डा. अतुल जैन का कहना है कि बहुत से ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जिन्हें अब सांस लेने में समस्या होती है। असल में स्टेरायड बेहद हैवी डोज है। यह सिर्फ उन्हीं मरीजों को दिया जाता है जो आक्सीजन सपोर्ट पर रहे हैं। होम आइसोलेशन वालों को इनकी जरूरत नहीं है। स्टेरायड दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से ब्लैक फंगस के मामले भी सामने आए हैं।

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