अस्पताल हाउस फुल, स्ट्रेचर पर मरीज

बेकाबू हो चला बुखार अब स्वास्थ्य विभाग की भी टेंशन बढ़ाने लगा है। जिला अस्पताल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 03:45 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 03:45 AM (IST)
अस्पताल हाउस फुल, स्ट्रेचर पर मरीज
अस्पताल हाउस फुल, स्ट्रेचर पर मरीज

जासं, मैनपुरी : बेकाबू हो चला बुखार अब स्वास्थ्य विभाग की भी टेंशन बढ़ाने लगा है। जिला अस्पताल पूरी तरह से फुल है। हाल ये है कि मरीजों को स्ट्रेचर पर भर्ती करना पड़ रहा है। इस संकट से सबसे बड़ी समस्या इमरजेंसी में हो रही है। स्ट्रेचर न मिलने की वजह से एंबुलेंसों से आने वाले मरीजों को तीमारदार हाथों का झूला बनाकर ले जाना पड़ता है।

बेकाबू होते बुखार ने जिला अस्पताल में इमरजेंसी की मुश्किल बढ़ा दी है। जहां सामान्य दिनों में 40 से 50 मरीज पहुंचते थे, अब उसी इमरजेंसी में चौबीस घंटों में यह संख्या एक सैकड़ा के पार हो रही है। एक भी बिस्तर खाली नहीं है। ऐसे में बुखार के मरीजों को तीमारदारों द्वारा स्ट्रेचरों पर ही लिटा दिया गया। दोपहर में स्थिति यह हो गई कि इमरजेंसी में एक भी स्ट्रेचर खाली नहीं बचा।

जिन मरीजों को गंभीर हालत में रेफर किया जा रहा था, उन्हें एंबुलेंसों तक ले जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला। तीमारदारों ने हाथों का झूला बनाकर मरीजों को इमरजेंसी से एंबुलेंस और एंबुलेंसों से इमरजेंसी में पहुंचाया। एक मरीज को टेंपो से बेसुध हालत में लाया गया। देर तक स्वजन स्ट्रेचर और व्हील चेयर तलाशते रहे। जब सुविधा नहीं मिली तो मजबूरी में कंधों पर लटकाकर इमरजेंसी की माइनर ओटी तक ले गए। पर्याप्त नहीं हैं सुविधाएं

इमरजेंसी में स्ट्रेचर, व्हील चेयर की लंबे समय से कमी बनी हुई है। इसके अलावा इमरजेंसी में बैठने के लिए कुर्सियां भी नहीं हैं। मरीजों और तीमारदारों को अक्सर सुविधा के अभाव में जमीन पर ही बैठना पड़ रहा है। व्हील चेयर और स्ट्रेचर की सुविधा कराई जा रही है। तीमारदारों से भी अपील है कि यदि वे स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाते हैं तो उन्हें छोड़ने के बाद स्ट्रेचर को सुरक्षित लाकर वहीं रख दें। कई बार स्ट्रेचर को लावारिस हालत में स्टाफ की मदद से मंगाना पड़ता है।

डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमएस

जिला अस्पताल।

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