गंगा दशहरा पर लोअर गंग नहर में पुण्य की डुबकी

जिले में उल्लास के साथ गंगा दशहरा पर्व मनाया गया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान करके पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दर्शन किये। घर-घर हवन का भी आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 05:25 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 05:25 AM (IST)
गंगा दशहरा पर लोअर गंग नहर में पुण्य की डुबकी
गंगा दशहरा पर लोअर गंग नहर में पुण्य की डुबकी

जासं, मैनपुरी : गंगा दशहरा पर जिले भर के श्रद्धालुओं में उत्साह नजर आया। श्रद्धालुओं ने लोअर गंग नहर में स्नान किया। दिनभर दान-पुण्य का सिलसिला चलता रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दर्शन और घरों में हवन भी किए। पतंगों से आसमान सज गया तो श्रद्धालुओं ने फर्रुखाबाद जाकर भी गंगा में डुबकी लगाई।

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। सनातन धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन दान और गंगा स्नान करने से सभी श्रद्धालुओं को पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी धार्मिक सोच को लेकर श्रद्धालुओं ने जिले से निकलने वाली गंग नहर में डुबकी लगाई। सुबह से ही इस नहर किनारे भीड़ का मेला सा नजर आया। घरों में भी हवन हुए तो जलेबी का भोग लगाने की परंपरा को निभाया गया। पतंगों से आसमान हुआ रंगीन

दशहरा पर शहर और कस्बों में जमकर पतंगबाजी हुई। 'वो काटा' के शोर से माहौल गूंजता रहा। सुबह से दुकानों पर पतंग और डोर खरीदने को बच्चे और युवा उतावले नजर आए। सुबह से शाम तक आसमान रंगीन पतंगों से सजा नजर आया। कस्बों में भी दिखा उल्लास

जागीर क्षेत्र के गांव सगामई में समाजसेवियों ने ग्रामीणों को शर्बत पिलाकर गंगा दशहरा पर पुरानी परंपरा को निभाया। कुरावली में भी समाजसेवियों ने केले वितरित किए। घिरोर में इस बार गंग नहर में पानी अधिक होने के कारण पुलिस तैनात रहीं। श्रद्धालुओं ने कम ही तादात में स्नान किया। शर्बत बांटने का काम भी युवाओं ने कई स्थानों पर किया। वाहनों को रोककर यात्रियों को शर्बत पिलाया गया। बिना अनुमति के लगा लालपुरी मेला

संसू, बिछवां : कोविड के चलते प्रशासन ने इस बार बाबा लालपुरी आश्रम में मेला लगाए जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद रविवार को आश्रम में भारी भीड़ जमा हो गई। मेला भी लगाया गया। इस दौरान साप्ताहिक कोरोना क‌र्फ्यू के नियम की धज्जियां उड़ती रही। मेला में दो महिलाओं की जंजीर भी तोड़ी गई।

थाना बिछवां के गांव सांडा के पास काली नदी किनारे बाबा लालपुरी के आश्रम में वर्ष में चार बार मेला आयोजित होता है। इसी तहत पर दशहरा पर भी मेला आयोजन पूर्व में होता रहा है। इसमें प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों के श्रद्धालु भाग लेते रहे हैं। इस बार मेला लगाए जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन, सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगी। मेला भी लग गया। मेला में शारीरिक दूरी और मास्क के नियम का भी पालन नहीं किया गया।

chat bot
आपका साथी