जिला अस्पताल में होगा मरीजों का डायलिसिस

जिला अस्पताल में बर्न एवं सर्जरी यूनिट के पास निर्माण कार्य शुरू हुआ। किडनी के मरीजों को बाहर नहीं जाना होगा। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 04:09 AM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 04:09 AM (IST)
जिला अस्पताल में होगा मरीजों का डायलिसिस
जिला अस्पताल में होगा मरीजों का डायलिसिस

जासं, मैनपुरी: किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को डायलिसिस के लिए अब सैफई और आगरा के चक्कर नहीं काटने होंगे। जिला अस्पताल में ही उन्हें यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी। शासन के निर्देश पर अस्पताल परिसर में बर्न एवं सर्जरी यूनिट के पास निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी पैक्सफेड संस्था को सौंपी गई है। मार्च के आखिरी सप्ताह तक कार्य पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है।

जिले में किडनी से संबंधित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। रोजाना जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में दर्जन भर ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें डायलिसिस की जरूरत होती है, लेकिन सुविधा न होने के कारण उन्हें सैफई या आगरा भेजा जाता है। अब ऐसे मरीजों को विशेषज्ञों द्वारा उपचार दिया जाएगा। सीएमएस डा. आरके सागर का कहना है कि पैक्सफेड के अभियंताओं द्वारा डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। क्या होता है डायलिसिस

डायलिसिस एक ऐसी उपचार प्रक्रिया है, जिसमें मशीनों के माध्यम से रक्त को फिल्टर किया जाता है। डायलिसिस उस समय किया जाता है जब मरीज की किडनी काम करना बंद कर देती है। यह तकनीक किडनी की विफलता के समय में इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करने में मदद करती है।

मंहगा है इलाज, आसपास के जिलों में नहीं है सुविधा

सीएमएस का कहना है कि हम अपने यहां से मरीजों को सैफई रेफर करते हैं, लेकिन बहुत से तीमारदार मरीजों को अपनी इच्छा से आगरा या अन्यत्र प्राइवेट अस्पतालों में ले जाते हैं। प्राइवेट अस्पतालों में लगभग पांच से आठ हजार रुपये एक बार डायलिसिस की फीस वसूली जाती है। मंडल में आगरा और नजदीक में सिर्फ सैफई में यह सुविधा है। इसके अलावा पड़ोसी जिलों में इसकी कोई सुविधा नहीं है।

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