इमरजेंसी के बिगड़े हालात, न बिस्तर मिल रहे न ही स्ट्रेचर
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में हालात काबू नहीं आ रहे हैं। इंतजामों के अभाव में मरीजों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। संसाधनों और उपचार के अभाव में ज्यादातर मरीज निजी नर्सिंग होम पर महंगा उपचार कराने को मजबूर हैं।
जासं, मैनपुरी : जिला अस्पताल की इमरजेंसी में हालात काबू नहीं आ रहे हैं। इंतजामों के अभाव में मरीजों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। संसाधनों और उपचार के अभाव में ज्यादातर मरीज निजी नर्सिंग होम पर महंगा उपचार कराने को मजबूर हैं।
जिले में बुखार और डेंगू कहर बनकर टूट रहा है। सीएचसी और पीएचसी पर सुविधा न होने की वजह से मरीज सीधे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं। यहां भी व्यवस्थाएं बेबस हो चुकी हैं। रोजाना लगभग डेढ़ सैकड़ा मरीज इमरजेंसी पहुंच रहे हैं। इनमें से कुछ के नाम ही रजिस्टर पर दर्ज होते हैं जबकि ज्यादातर उपचार में देर होती देख प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।
सोमवार को अस्पताल खुला तो इमरजेंसी में भीड़ उमड़ पड़ी। स्थिति यह रही कि यहां संसाधन भी नाकाफी हो गए। राहत न मिली तो तीमारदारों को अपने मरीजों को कंधों और हाथों का सहारा देकर ले जाना पड़ा। डीएम के निर्देश के बावजूद अस्पताल प्रशासन स्ट्रेचर और व्हील चेयर के प्रबंध नहीं करा पा रहा है। बच्चों के उपचार में लापरवाही
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में दोपहर दो बजे के बाद बच्चों के उपचार में समस्या आना शुरू हो जाती है। अक्सर ईएमओ हाथ खडे़ कर देते हैं और बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाने की सलाह देते हैं। समय पर उपचार न मिलने की वजह से तीमारदारों को बुखार पीड़ित मरीजों को प्राइवेट नर्सिंग होम में महंगा उपचार लेना पड़ता है।
मंछना में भी बुखार से हाहाकार
विकास खंड जागीर के गांव मंछना में बुखार और डेंगू का जबरदस्त प्रकोप है। अब तक कई की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग बुखार की चपेट में हैं। ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में न तो सफाई कराई जा रही है और न ही फागिग हुई हे। दिन ढलते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। ग्रामीण सोनू चौहान, प्रशांत, शिववती, आनंद आदि ने डीएम से दवा का छिड़काव कराए जाने की मांग की है। मरीजों के उपचार में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। पहले ही अस्पताल प्रशासन को कहा गया है कि सुविधाओं और संसाधनों के बारे में बताएं ताकि उनकी पूर्ति कराई जा सके। चिकित्सक और स्टाफ उपलब्ध कराए गए हैं। जरूरत पड़ने पर और भी सुविधाएं दी जाएंगी।
डा. पीपी सिंह, सीएमओ