दीदी के बोर्ड पर अंकित होगा मनरेगा के काम का ब्योरा

दीदी के बोर्ड पर मनरेगा से होने वाले कामों का ब्योरा लिखा नजर आएगा। जागीर ब्लाक से इसका आगाज होगा। इसके लिए समूह से जुड़ी महिलाएं सीमेंट का सीआइबी (सिटीजन इनफारमेशन बोर्ड) बनाएंगी। ऐसा होने के बाद गांवों में होने वाले मनरेगा के कामों में पारदर्शिता भी नजर आएगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:23 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:23 AM (IST)
दीदी के बोर्ड पर अंकित होगा मनरेगा के काम का ब्योरा
दीदी के बोर्ड पर अंकित होगा मनरेगा के काम का ब्योरा

जासं, मैनपुरी: अब दीदी के बोर्ड पर मनरेगा से होने वाले कामों का ब्योरा लिखा नजर आएगा। जागीर ब्लाक से इसका आगाज होगा। इसके लिए समूह से जुड़ी महिलाएं सीमेंट का सीआइबी (सिटीजन इनफारमेशन बोर्ड) बनाएंगी। ऐसा होने के बाद गांवों में होने वाले मनरेगा के कामों में पारदर्शिता भी नजर आएगी।

अब तक जिले में मनरेगा से होने वाले कामों की जानकारी कागजों में ही दर्ज रहती थी। कहीं-कहीं जानकारी के लिए बोर्ड लगाए गए थे, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। गांवों में होने वाले मनरेगा के काम की शुरूआत से पहले ही समूचा ब्योरा सीआइबी (सिटीजन इनफारमेशन बोर्ड) पर दर्ज करना होगा। ऐसा होने से काम का दोहराव नहीं हो सकेगा तो बिना काम के राशि भी नहीं हड़पी जा सकेगी। विकास से जुड़ी इस सोच से पारदर्शिता भी आएगी।

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महिला समूह बनाएगा सीआइबी-

सीआइबी बनाने का आगाज सोमवार से जागीर ब्लाक के एक समूह ने शुरू किया। गंगा स्वयं सहायता समूह रामनगर ने ऐसे सीमेंट के बोर्ड बनाने का काम प्रारंभ किया गया। जागीर ब्लाक ने इस समूह को फिलहाल 117 सीआइबी आपूर्ति का आर्डर दिया है। प्रभारी स्वत: रोजगार उपायुक्त-डीसी मनरेगा पीसी राम ने सोमवार को निर्माण काम को मौके पर जाकर देखा।

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समूह के खाते स्थिर रखना गलत-

सोमवार को प्रभारी स्वत: रोजगार उपायुक्त- डीसी मनरेगा पीसी राम ने ग्राम संगठन के दस समूहों की दीदी की बैठक कर आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली। बताया कि पांच समूहों को रिवाल्विग फंड की अनुदान धनराशि 15 हजार और सामुदायिक निवेश निधि की धनराशि 1.10 लाख रुपये प्राप्त हुई है। बैठक के दौरान इन समूहों का फीडबैक संतोषजनक नहीं रहा। धनराशि की तरलता का अभाव दिखा। इस पर समूहों की महिलाओं को बताया कि स्थानीय हाट-बाजार मे क्रय-विक्रय कर उपलब्ध धनराशि से रोजगार सृजन के साथ समूह की आय में वृद्धि की जा सकती है। समूह के खाते में धनराशि स्थिर रखना मिशन के मंसा के विपरीत है। मौके पर डीएमएम सत्यजीत सिह और जागीर ब्लाक के बीएमएम को निर्देशित किया गया कि ऐसे समूहों जिन्हें अनुदान प्राप्त हो चुका है, उन्हें आजीविका के विभिन्न गतिविधियों से प्रशिक्षित कर उनकी आय बढ़ाने की कार्रवाई की जाए।

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