जमानत धनराशि वापस पाने को बताना होगा खर्च का ब्योरा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों का जमानत धनराशि पाना इतना आसान नहीं है। जमानत धनराशि वापस पाने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित चुनावी खर्चे को पूरे प्रपत्रों के साथ जमा करना होगा। अभी तक चुनिदा उम्मीदवारों ने ही अपने खर्चे का ब्योरा बताया है।
जासं, मैनपुरी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों का जमानत धनराशि पाना इतना आसान नहीं है। जमानत धनराशि वापस पाने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित चुनावी खर्चे को पूरे प्रपत्रों के साथ जमा करना होगा। अभी तक चुनिदा उम्मीदवारों ने ही अपने खर्चे का ब्योरा बताया है।
बता दें, आयोग ने ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 500 रुपये, प्रधान के लिए 2000 रुपये, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 2000 रुपये एवं जिपं सदस्य के लिए 4000 रुपये जमानत धनराशि तय की थी। वहीं आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को इस रकम की आधी धनराशि ही जमा करानी पड़ी थी। जिपं के सात सदस्यों को 25 फीसद से कम वोट-
जिला पंचायत सदस्य के सात नवनिर्वाचित सदस्य 25 फीसद से भी कम वोट पाकर जीत हासिल करने में कामयाब रहे। इस बार जिला पंचायत के वार्ड तीस में केवल पांच ही दावेदार मैदान थे, यह महिला के लिए आरक्षित था। जबकि अन्य 29 वार्डों से तो दावेदारों की फौज मैदान में उतरी थी। इन वार्डों में सदस्य पद के लिए 362 दावेदार समर में उतरे थे। पच्चीस फीसदी से कम वोट पाने वालों में किशनी प्रथम से शुभम रहे, जिनको कुल मतदान 65.27 में से केवल 18.99 फीसद ही मत मिल सके। बेवर प्रथम से महिला सीट पर जीती विमला देवी को कुल मत 67.08 में से 18.03 फीसद ही वोट मिल पाए। बेवर तृतीय से जीतीं नीलम देवी को कुल डाले गए मतों में से केवल 16.38 फीसद ही वोट मिले, जबकि इस वार्ड में 65.50 फीसद मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। सुल्तानगंज द्वितीय से जीते उजागर सिंह को कुल 83.28 फीसद मतों में से 20.26 फीसद ही मतदाताओं ने पसंद किया, जबकि करहल द्वितीय से जीते बाबू यादव को कुल मत 83.28 फीसद में से केवल 20.26 फीसद ही मत मिले। किशनी चतुर्थ से जीते योगेंद्र प्रताप सिंह कुल मत 70.25 फीसद में से 23.46 फीसद मत लेकर सदस्य बने। वहीं, घिरोर द्वितीय अर्चना को 22.61 फीसद मत मिले, जबकि यहां 75.81 फीसद मत डाले गए थे।