कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए महकमा तैयार
एल-1 और एल-2 अस्पताल को किया एक्टिव पीआइसीयू भी तैयार
जासं, मैनपुरी: कोरोना की दूसरी लहर ने जिले में जबरदस्त कहर बरपाया था। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो लगभग तीन सैकड़ा से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार हुए थे। थोड़ा उबरे तो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी कवायद शुरू हुई। अब कोरोना के अगले स्ट्रेन के खतरे को देखते हुए जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से तैयार हैं।
जिला अस्पताल परिसर में संचालित एल-2 आइसोलेशन अस्पताल के ही एक हिस्से को पीआइसीयू वार्ड में तब्दील किया गया है। यहां 12 बिस्तरों के साथ वेंटीलेटर सिस्टम को जोड़ा गया है। किसी भी गंभीर स्थिति में आने वाले बच्चों को तत्काल उपचार देने की व्यवस्था भी करा दी गई है। इस पीआइसीयू वार्ड की जिम्मेदारी फिलहाल बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य को दी गई है। यहीं दूसरे हिस्से में 100 बिस्तरों की व्यवस्था कराई गई है। 24 बिस्तरों पर वेंटीलेटर सपोर्ट की सुविधा भी दी गई है। इन वेंटीलेटर पर उन्हीं मरीजों को रखा जाएगा जो कोविड से चिताजनक स्थिति में होंगे। इंटरकनेक्ट हैं प्लांट, मिलेगी आक्सीजन
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिला अस्पताल परिसर में तीन आक्सीजन प्लांट और भोगांव सीएचसी पर एक आक्सीजन प्लांट स्थापित कराया गया है। अस्पताल के तीनों प्लांट आपस में इंटरकनेक्ट हैं। यदि किसी कारणवश किसी एक में भी तकनीकी समस्या आती है तो दूसरे से आक्सीजन की सप्लाई चालू रहेगी। सभी के लिए अलग-अलग जेनरेटर भी लगवाया गया है, ताकि इमरजेंसी बैकअप मिलता रहे। सीएचसी भोगांव के प्लांट से एल-1 प्लस आइसोलेशन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को आक्सीजन पहुंचाई जाएगी। पांच सीएचसी भी पूरी तरह से तैयार
सीएमओ डा. पीपी सिंह का कहना है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए सीएचसी को भी अलर्ट कर दिया गया है। जिले में गोधना, भोगांव, कुचेला, कुरावली और भांवत सीएचसी पर 30-30 बिस्तरों की व्यवस्था कराई गई है। इन सभी पर आक्सीजन कंसन्टेटर उपलब्ध करा दिए गए हैं जो विषम स्थिति में मरीजों को आक्सीजन देंगे। इन सभी सीएचसी को एल-1 प्लस श्रेणी में रखा गया है। लगातार माकड्रिल के माध्यम से व्यवस्थाओं की पड़ताल भी की जा रही है। आरटीपीसीआर लैब भी तैयार
कोरोना के मरीजों को रिपोर्ट का इंतजार न करना पड़े, इसके लिए जिला अस्पताल परिसर में ही आरटी-पीसीआर लैब का संचालन भी शुरू करा दिया गया है। इस लैब में एक दिन में 700 से 900 सैंपल की जांच करने की क्षमता है। यदि जरूरत पड़ती है तो क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है। चिकित्सकों की कमी से बढ़ेंगी मुश्किलें
कोरोना यदि जोर पकड़ता है तो स्वास्थ्य विभाग के सामने चिकित्सकों की कमी एक बड़ी चुनौती होगी। जिले में कुल 150 विशेषज्ञ के पद स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष सिर्फ 54 एमबीबीएस डाक्टर ही तैनात हैं। जिला अस्पताल में 23 के सापेक्ष मात्र छह चिकित्सक ही हैं। एल-2 में एक जनरल फिजीशियन, एक चेस्ट फिजीशियन, एक एनेस्थेटिक, एक काउंसलर या वरिष्ठ चिकित्सक की चौबीस घंटे ड्यूटी रहेगी। ऐसे में अन्य शिफ्ट के लिए चिकित्सकों की आवश्यकता की पूर्ति को लेकर विभाग मंथन कर रहा है। सीएमओ डा. पीपी सिंह का कहना है कि शासन से चिकित्सकों की मांग की है। हम आपसी सहयोग से फिलहाल व्यवस्था कर रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञों की सबसे ज्यादा जरूरत है। एक नजर में स्वास्थ्य सेवाएं
एल-2 आइसोलेशन अस्पताल: 01, बेड की संख्या 100
एल-1 प्लस आइसोलेशन अस्पताल: 05, बेड की संख्या 150
पीआइसीयू में बेड: 12
वेंटीलेटर 24
आक्सीजन प्लांट चार
आरटी-पीसीआर लैब - 01