पत्थरों पर नजर आएगा दार्शनिकों का योगदान

जसराजपुर में आने वाले पर्यटकों को बौद्ध धर्म से संबंधित जानकारी देने के लिए शिलापट लगाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 06:00 AM (IST)
पत्थरों पर नजर आएगा दार्शनिकों का योगदान
पत्थरों पर नजर आएगा दार्शनिकों का योगदान

हिमांशू यादव, भोगांव, मैनपुरी। भगवान बुद्ध के संदेश दुनिया में फैलाने वाले महान सम्राट और दार्शनिकों के योगदान से आम लोग रूबरू होंगे। ये जानकारी जसराजपुर गांव में अशोक गजस्तंभ के नजदीक पत्थरों पर लिखी जाएगी।

यूथ बुद्धिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया ने पुरातन काल से अब तक बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए भारत और विभिन्न देशों में अतुलनीय काम करने वाले राजाओं, दार्शनिकों, भिक्षुओं की जानकारी आज की पीढी को देने के लिए उनकी फोटों व पत्थरों पर पूरे विवरण दर्ज कराने का निर्णय लिया है। वाईबीएस सेंटर स्थित अशोक गजस्तंभ परिसर में भारत, श्रीलंका, तिब्बत, चीन, कंबोडिया, साउथ कोरिया, थाईलैंड आदि देशों में धर्म के प्रचार के लिए काम करने वाले भिक्षुओं व अन्य लोगों का विवरण अंकित कराया जाएगा। पत्थरों को तराशकर उनकी आदमकद फोटो के साथ ही जीवन परिचय का उल्लेख किया जाएगा। वाईबीएस ने इस काम के लिए 36 दार्शनिक व राजा और भिक्षुओं के नामों की सूची तैयार की है। नालंदा की तर्ज पर दी जाएगी जानकारी

अशोक गजस्तंभ के समीप पत्थरों पर महान लोगों की फोटो और उनका विवरण दर्ज करने के लिए मीरजापुर जिले के चुनार से कुशल कारीगरों को बुलाया जा रहा है। बिहार के नालंदा बौद्ध तीर्थ स्थल की तर्ज पर पूरा ब्योरा दर्ज कराया जाएगा। यह कार्य एक साल में पूरा होगा। इन विद्वानों के लगेंगे फोटो

डा. भीमराव आम्बेडकर, सम्राट अशोक, महेंद्र, संघमित्रा, फायान, सील पुत्र, उपाली, भिक्षु, बुद्धदास, अनागारिका धम्मपाल, राहुल सांकृत्यान, ललई सिंह यादव, रामास्वामी नायकर। जसराजपुर में बौद्ध विहार में आने वाले विदेशी और स्थानीय लोगों को धर्म के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराने के लिए 36 दार्शनिकों के जीवन चरित्र का ब्योरा दर्ज कराने के लिए पत्थरों पर कारीगरी कराई जाएगी। 2022 में इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पत्थरों पर विवरण दर्ज होने से लोगों को ज्ञान अर्जन में आसानी होगी।

सुरेश बौद्ध, राष्ट्रीय अध्यक्ष, वाईबीएस सेंटर जसराजपुर

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