जेनरेटर के विवाद में संघर्ष, वृद्ध की मौत

जमकर चले लाठी-डंडे आधा दर्जन राउंड फायरिग दोनों पक्षों के एक दर्जन लोग घायल गांव में पुलिस तैनात

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 06:12 AM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 06:12 AM (IST)
जेनरेटर के विवाद में संघर्ष, वृद्ध की मौत
जेनरेटर के विवाद में संघर्ष, वृद्ध की मौत

संसू, बेवर (मैनपुरी): बरसी कार्यक्रम में जेनरेटर बंद हो जाने को लेकर शनिवार रात हुए विवाद ने रविवार सुबह खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। जमकर लाठी-डंडे चले, आधा दर्जन राउंड फायरिग हुई। इस झगड़े में वृद्ध की मौत हो गई। दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। गांव में पुलिस तैनात कर दी गई।

थाना क्षेत्र के गांव अहिकारीपुर में शनिवार रात ब्रजेश राजपूत के पिता धनीराम की बरसी का कार्यक्रम चल रहा था। प्रकाश व्यवस्था के लिए गांव के राजवीर ने अपना जेनरेटर लगा दिया। रात करीब नौ बजे तेल खत्म हो जाने से जेनरेटर बंद हो गया। कार्यक्रम में मौजूद गांव के नेत्रपाल पक्ष के लोगों ने राजवीर की पिटाई कर दी। राजवीर के चाचा सिपाहीराम ने बीच-बचाव कर दिया।

रविवार सुबह करीब सात बजे सिपाहीराम खेत की ओर जा रहे थे। तभी नेत्रपाल और उनके पक्ष के लोगों ने उन्हें घेर लिया। मारपीट कर दी। जानकारी मिलते ही सिपाहीराम पक्ष के लोग भी आ गए। दोनों ओर से लाठी-डंडे चलने लगे। इस दौरान आधा दर्जन राउंड गोलियां चलने की बात कही जा रही है। मारपीट के दौरान सिपाहीराम सहित उनके पक्ष के आठ लोग जबकि दूसरे पक्ष के चार लोग घायल हो गए। नेत्रपाल पक्ष के राजीव ने अपने हाथ में गोली लगने की बात कही है।

पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां सिपाहीराम को मृत घोषित कर दिया गया।

ये हुए घायल

मृतक सिपाहीराम पक्ष से राजवीर, तेजसिंह, अनुराग, बालेश, ऊषा, जयसिंह, सोनू सहित आठ लोग। नेत्रपाल पक्ष से रत्नेश, अनुज, पूजा और राजीव।

इनके खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट

मृतक सिपाहीराम के भाई तेजसिंह ने राजीव, रवि, रत्नेश, ओमेंद्र, कंचन, अनुज और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। जबकि नेत्रपाल पक्ष की ओर से तहरीर नहीं दी गई।

झगड़े में वृद्ध की मौत हो गई। गांव में पुलिस तैनात कर दी है। आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।- मधुवन कुमार सिंह, एएसपी प्रधानी के चुनाव से जुड़ रही घटना

दोनों पक्ष एक ही जाति के हैं। दोनों पक्षों में पूर्व में कोई विवाद नहीं था। ग्रामीण बताते हैं कि प्रधानी चुनाव की घोषणा के बाद दोनों पक्षों ने अलग-अलग प्रत्याशी के समर्थन का निर्णय लिया है। इसी के चलते दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

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