सामुदायिक शौचालयों का होगा सत्यापन, लापरवाही पर गिरेगी गाज

सीडीओ ने खंड विकास अधिकारियों को सत्यापन का काम सौंपा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह में अधूरे सामुदायिक शौचालय पूरे नहीं हुए तो सचिवों पर कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 04:45 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 04:45 AM (IST)
सामुदायिक शौचालयों का होगा सत्यापन, लापरवाही पर गिरेगी गाज
सामुदायिक शौचालयों का होगा सत्यापन, लापरवाही पर गिरेगी गाज

जासं, मैनपुरी: गांव स्वच्छता से जुड़े अभियान को सचिव पलीता लगाने में जुटे हैं। जिले में सामुदायिक शौचालय तो गांव-गांव बनाकर खड़े कर दिए हैं, लेकिन अधिकांश क्रियाशील नहीं कराए गए हैं। अब मुख्य विकास अधिकारी ने इनके सत्यापन का काम बीडीओ को सौंपते हुए एक सप्ताह में इन्हें शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। अधूरे कामों को भी पूरा कराने को कहा है, ऐसा नहीं होने पर सचिवों पर कार्रवाई होगी।

निजी शौचालय की गांव-गांव श्रृंखला खड़ी होने के बाद भी गांवों से जब खुले में शौच का कलंक दूर नहीं हुआ तो सरकार ने सामुदायिक शौचालय बनाने का फैसला लिया। ऐसे आदेश के बाद बीते साल से ही जिले में 549 सामुदायिक शौचालय बनाने का काम तेजी से चल निकला। कई शौचालय बनकर तैयार हो गए तो लोकार्पण करते हुए जनप्रतिनिधियों ने पत्थर भी लगाए, लेकिन इतना होने के बावजूद यह शौचालय क्रियाशील नहीं हो सके। अब मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने गांव पंचायतों में बनाए गए सभी सामुदायिक शौचालय की हकीकत के लिए सत्यापन का जिम्मा खंड विकास अधिकारियों को सौंपा है। यह होना था काम

गांव-गांव बनाए गए सामुदायिक शौचालय सचिवों के माध्यम से महिला समूहों को संचालन के लिए सौंपे जाने थे, इसके लिए अनुबंध पत्र भी तैयार होना था, लेकिन अधिकांश सचिव फिसड्डी ही साबित हुए। यह थी व्यवस्था

सामुदायिक शौचालय के संचालन का जिम्मा संभालने वाले महिला समूह को शासन की ओर से प्रतिमाह नौ हजार रुपये की धनराशि दिए जाने की व्यवस्था थी, जिसमें से छह हजार रुपये सफाईकर्मी-केयरटेकर को, जबकि तीन हजार की राशि मरम्मत सामग्री, यूटिलिटी चार्जर आदि व्यवस्था पर खर्च की जानी थी। अधूरे मिले सामुदायिक शौचालय

सीडीओ ने पंचायत चुनाव से पहले सामुदायिक शौचालय का मौके पर सत्यापन कराया था। नोडल अधिकारियों के भ्रमण के दौरान अधिकांश सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं मिला, जो पूरे मिले थे उनको प्रयोग और रखरखाव के लिए स्वयं सहायता समूह को हैंडओवर नहीं किया गया। अब यह आदेश हुए जारी

सीडीओ के निर्देश के बाद डीपीआरओ स्वामीदीन ने शुक्रवार को सचिवों को पत्र जारी किया है। कहा है कि अवशेष सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य एक सप्ताह में गुणवत्ता और मानक के अनुरूप पूरा कराएं और अनुबंध कराकर संचालन के लिए स्वयं सहायता समूह को सौंप दें। इस अवधि में जो सचिव इस काम को नहीं करा सकेगा, उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। रखा जाएगा विवरण रजिस्टर

तैयार सामुदायिक शौचालय को सहायता समूह को हैंडओवर किया जाएगा। ताला और रजिस्टर उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर शौचालय प्रयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का विवरण अंकित किया जाएगा। रजिस्टर को संबंधित पंचायत सचिव द्वारा साप्ताहिक सत्यापित किया जाएगा।

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