आचार संहिता खत्म, अब विकास कार्य पकड़ेंगे रफ्तार

चुनाव के कारण विकास कार्यो की समीक्षा नहीं हुई। अब प्रशासनिक अमला कोरोना संक्रमण की रोकथाम में जुटा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 05:28 AM (IST)
आचार संहिता खत्म, अब विकास कार्य पकड़ेंगे रफ्तार
आचार संहिता खत्म, अब विकास कार्य पकड़ेंगे रफ्तार

जासं, मैनपुरी: जिले में पंचायत चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही अब विकास कार्य फिर से रफ्तार पकड़ेंगे। पिछले एक माह से विकास कार्यों की न तो समीक्षा हो पा रही थी और न ही नए कार्य शुरू हो पाए। पूरा प्रशासनिक अमला अभी तक निर्वाचन कार्यों और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के अभियान में जुटा था।

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जिले में पंचायत चुनाव कराने के लिए आदर्श आचार संहिता लगाई थी। आचार संहिता लगने के साथ नए स्तर से होने वाले विकास कार्यों पर पूरी तरह से रोक लग गई थी। यहां तक कि आचार संहिता के लागू होने के साथ ही पूरा प्रशासनिक अमला चुनाव की तैयारियों में जुट गया। इस कारण जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा तक नहीं हो पाई। कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के कारण भी प्रशासन चुनाव के साथ कोरोना से बचाव में भी जुट गया। अब चुनाव आचार संहिता के खत्म होने के साथ साथ ही विभागों में फिर योजनाओं की फाइलें खुलने लग गई हैं। विभागों में विभागाध्यक्षों ने योजनाओं की समीक्षा शुरू कर दी हैं। लंबित कार्यों को तेजी से पूरा कराने को लेकर निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं।

मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने बताया कि आचार संहिता समाप्त हो गई है। पांच मई को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने इसे लेकर पत्र भी जारी किया है। अब सभी विभागाध्यक्षों को विकास के कामों को गति देने को जुटने के लिए कहा गया है। मरहरी का पशु उप स्वास्थ्य केंद्र बदहाल

संसू, बिछवां: विकासखंड सुल्तानगंज क्षेत्र के गांव मरहरी में बना पशु उप चिकित्सालय देखरेख के अभाव में खंडहर हो रहा है। चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से पशुपालक परेशान है।

एक दशक पहले गांव मरहरी में ग्रामीणों की मांग पर सरकार ने पशु उप चिकित्सालय भवन का निर्माण कराया था। मरहरी में पशु उप चिकित्सालय की स्थापना हुई तो पशुपालकों को लगा कि अब पशुओं के इलाज के लिए भटकना पड़ेगा। इस पशु उप चिकित्सालय के संचालित होने से क्षेत्र के गांव नगला हिम्मत, भोजपुर वलारपुर, नगला कांकन, गनेशपुर, गोशलपुर, नगला निहाल, मुगरौरा, मरहरी, हन्नूखेड़ा आदि गांवों के पशुपालकों को लाभ भी होता, लेकिन कई लाख रुपयों से बने इस चिकित्सालय में आज तक किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई और भवन भी खंडहर में तब्दील हो गया। अराजक तत्व भवन की खिड़कियां और दरवाजे उखाड़ ले गए हैं तो सरकारी हैंडपंप भी खोल ले गए हैं।

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