बुखार से शहर बीमार, निरीक्षक का बेतुका बयान

बुखार और डेंगू से शहर कराह रहा है। सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार हैं। पहले ही उपचार न मिलने से प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। उस पर पालिका प्रशासन की मनमानी परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा रही है। जगह-जगह पर कूडे़ के ढेर लगे हुए हैं। कालोनियों में जलभराव मुश्किल बढ़ा रहा है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने भी फागिग के निर्देश दिए हैं लेकिन पालिका गंभीर नहीं दिख रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:15 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:15 AM (IST)
बुखार से शहर बीमार, निरीक्षक का बेतुका बयान
बुखार से शहर बीमार, निरीक्षक का बेतुका बयान

जागरण संवाददाता, मैनपुरी:

दृश्य एक :

राधा रमन रोड पर एक अस्पताल के पास सड़क के मुख्य किनारे को अस्थायी डंपिग जोन बना दिया गया है। सफाई कर्मचारी हाथ वाली गाड़ियों से कचरा लाकर यहां फेंकते हैं। बुधवार को पूर्वान्ह 11:39 बजे पालिका कर्मियों द्वारा यहां से कचरे का उठान करने के बजाय उसमें आग लगा दी गई। धुएं और दुर्गंध से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दृश्य दो :

हरिदर्शन नगर के ठीक सामने सड़क के किनारे बुधवार की सुबह 10 बजे गंदगी का ढेर लगा था। सड़क तक कूड़ा बिखरा पड़ा था। यहां बेसहारा गोवंश कूडे़ को सड़क पर फैला रहे थे। गीला कचरा बिखरा होने के कारण दुर्गंध उठने से राहगीरों को यहां भी परेशानी का सामना करना पड़ा। बुखार और डेंगू से शहर कराह रहा है। सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार हैं। पहले ही उपचार न मिलने से प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। उस पर पालिका प्रशासन की मनमानी परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा रही है। जगह-जगह पर कूडे़ के ढेर लगे हुए हैं। कालोनियों में जलभराव मुश्किल बढ़ा रहा है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने भी फागिग के निर्देश दिए हैं, लेकिन पालिका गंभीर नहीं दिख रही है। सफाई निरीक्षक शिशुपाल सिंह का कहना है कि एक बड़ी मशीन है। डीजल के लिए कोई अतिरिक्त बजट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मशीन का संचालन भी संभव नहीं हो पा रहा है। फिर भी दो दिन बड़ी मशीन से फागिग कराई गई है। पालिका प्रशासन से डीजल की मांग की गई है। लीक पीटने को हाथ मशीनों का सहारा

संक्रामक रोगों से बिगड़ी स्थिति के बीच पालिका द्वारा हाथ मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। सफाई निरीक्षक का कहना है कि उनके पास 20 छोटी स्प्रे मशीने हैं। इनमें एक बार में 20 लीटर दवा आती है। कर्मचारियों की मदद से इन मशीनों से फिलहाल कालोनियों में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। ये है दुविधा

सफाई निरीक्षक का कहना है कि पालिका के पास एक बड़ी और दो छोटी फागिग मशीनें हैं। डीजल का बजट न होने के कारण सिर्फ एक का ही संचालन कराया जा रहा है। बड़ी फागिग मशीन में एक घंटे में 10 लीटर डीजल, दो लीटर पेट्रोल और 200 ग्राम मेलाथियान टेक्नीकल मिलाया जाता है। फिलहाल कटरा, मिश्राना और नगरिया में ही फागिग कराई गई है। यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पालिका प्रशासन द्वारा सभी सुविधाएं दी गई हैं। सफाई कर्मियों से काम कैसे लेना है और कहां प्रबंध कराए जाने हैं, यह काम सफाई निरीक्षकों का है। अब यदि इनके स्तर से लापरवाही बरती जाएगी और शिकायत मिलेगी तो निश्चित ही कार्रवाई कराई जाएगी। बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं होगी।

मनोरमा, पालिकाध्यक्ष।

chat bot
आपका साथी