जुलाई में आएगा हाईस्कूल सीबीएसई का परिणाम

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अब जुलाई में कक्षा दसवीं के परिणाम जारी करेगा। सभी स्कूलों को अब आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंक और मूल्यांकन कमेटी द्वारा 80 में से तय किए जाने वाले अंकों को अब 30 जून तक अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 04:44 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 04:44 AM (IST)
जुलाई में आएगा हाईस्कूल सीबीएसई का परिणाम
जुलाई में आएगा हाईस्कूल सीबीएसई का परिणाम

जासं, मैनपुरी : मेहनत का परिणाम जारी होने का इंतजार करने वाले सीबीएसई हाईस्कूल के परीक्षार्थियों के लिए यह खबर राहत भरी होगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अब जुलाई में कक्षा दसवीं के परिणाम जारी करेगा। सभी स्कूलों को अब आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंक और मूल्यांकन कमेटी द्वारा 80 में से तय किए जाने वाले अंकों को अब 30 जून तक अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

सीबीएसई के जिला समन्वयक डा. राममोहन ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों, लाकडाउन, शिक्षकों और स्टाफ के अन्य सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने अंक जमा करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि कक्षा दसवीं बोर्ड परीक्षा का अंतिम परिणाम तैयार करने के लिए सीबीएसई द्वारा विद्यालयों को पांच सदस्यीय शिक्षकों की कमेटी तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही मूल्यांकन के आधार पर परिणाम तैयार करने का फार्मूला भी सीबीएसई द्वारा जारी किया जा चुका है।

एक भी परीक्षा नहीं, नहीं मिलेगी पदोन्नति

जिला समन्वयक डा. राममोहन ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी, जिन्होंने एक साल में एक भी परीक्षा नहीं दी है, वह अगली कक्षा के लिए पदोन्नति नहीं पा सकेंगे। ऐसे विद्यार्थी तत्काल अपने विद्यालय में संपर्क कर लें, जिससे समस्या का निदान हो सके।

आरटीई विद्यार्थियों का आनलाइन विवरण पोर्टल पर करें अपलोड

जासं, मैनपुरी: बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिले में संचालित गैर सहायता मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य से आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों का ब्योरा आनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है। इसके लिए सभी खंड शिक्षाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बीएसए विजय प्रताप सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में यह निर्देश देते हुए कहा है कि निश्शुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेशित और अध्ययनरत गरीब व दुर्लभ वर्ग के बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति वित्तीय सहायता के लिए विद्यालयों द्वारा आनलाइन पोर्टल पर मांग अपलोड कराया जाना है। इसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्रों में संचालित गैर सहायता मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रबंधकों के साथ बैठक कर शासन की इस मंशा से उनको अवगत कराएं। ऐसे विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति और वित्तीय सहायता की मांग का पूर्ण विवरण आनलाइन पोर्टल पर अपलोड करवाएं, जिससे विद्यालय खोलने के पश्चात समस्त विवरण पोर्टल पर प्रदर्शित हो सके।

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