कोरोना क‌र्फ्यू में चमका कच्ची शराब का धंधा

लाकडाउन के दौरान कच्ची शराब का धंधा खूब चमका। इस दौरान खरीदारों की गांवों और अन्य ठिकानों पर भीड़ लगी रही। अब ठेका खुलने से यहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:18 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 04:18 AM (IST)
कोरोना क‌र्फ्यू में चमका कच्ची शराब का धंधा
कोरोना क‌र्फ्यू में चमका कच्ची शराब का धंधा

जासं, मैनपुरी : लाकडाउन के दौरान कच्ची शराब का धंधा खूब चमका। इस दौरान खरीदारों की गांवों और अन्य ठिकानों पर भीड़ लगी रही। अब ठेका खुलने से यहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है।

क‌र्फ्यू के दौरान शराब की दुकानें बंद कर दी गई थी। पुलिस क‌र्फ्यू का पालन कराने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया में जुट गई थी। ऐसे में कच्ची शराब के धंधेखोरों ने इसका सीधा लाभ उठाया। उन्होंने अपनी भट्ठियां सुलगाकर कच्ची शराब खूब बनाई। शौकीन भी जंगलों और खेतों पर पहुंच कर इसकी खरीदारी में जुटे रहे। अब शराब की दुकानें खुलने लगी हैं, ऐसे में शौकीन अब यहां पहुंच रहे हैं। हालांकि कच्ची शराब का निर्माण अब भी चल रहा है। इन स्थानों पर बनती है अवैध शराब

कुरावली क्षेत्र के गांव गोकुलपुर, अडूपुर के अलावा काली नदी किनारे बसे अन्य गांवों में भट्ठियां लगाकर कच्ची शराब तैयार की जाती है। बिछवां क्षेत्र में भी काली नदी किनारे के गांवों में शराब बनती है। किशनी और बेवर के कुछ गांव शराब के लिए बदनाम है। सभी गिहार कालोनियों में भी शराब तैयार की जा रही है। इसके साथ ही रेक्टीफाइड स्प्रिट के जरिए भी नकली शराब तैयार की जाती है। कई लोगों की हो चुकी है जहरीली शराब पीने से मौत

शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिए धंधेखोर शराब में यूरिया और अन्य प्रकार के रसायन मिलाते हैं, जिससे शराब जहरीली हो जाती है। चिकित्सकों के मुताबिक ऐसी शराब पीने से आंखों की रोशनी जाने के साथ ही अन्य प्रकार के रोग हो जाते हैं। कई बार जान भी चली जाती है। कुर्रा क्षेत्र में कुछ वर्ष पहले जहरीली शराब पीने से एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। बिछवां क्षेत्र के गांव कुबेरपुर में भी जहरीली शराब पीने से मौतें हो चुकी हैं।

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