आवास से वंचित और महिलाओं के लिए मुफीद रहा बजट

मैनपुरी जासं। यूपी सरकार का बजट आवास से वंचित और ग्रामीण महिलाओं किसानों के लिए मुफीद रहा। जिले के किसान और मजदूर को भी इससे राहत मिलेगी। किसान को राहत देने का संकल्प भी बजट में है। वैसे सैनिक स्कूल के अधूरे कामों को पूरा करने के अलावा बजट में मैनपुरी के लिए खास नहीं दिखा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 06:45 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 06:45 AM (IST)
आवास से वंचित और महिलाओं के लिए मुफीद रहा बजट
आवास से वंचित और महिलाओं के लिए मुफीद रहा बजट

जासं, मैनपुरी: यूपी सरकार का बजट आवास से वंचित और ग्रामीण महिलाओं, किसानों के लिए मुफीद रहा। जिले के किसान और मजदूर को भी इससे राहत मिलेगी। किसान को राहत देने का संकल्प भी बजट में है। वैसे, सैनिक स्कूल के अधूरे कामों को पूरा करने के अलावा बजट में मैनपुरी के लिए खास नहीं दिखा।

यूपी सरकार ने बजट में इस बार गांव, किसान, मजदूर और ग्रामीण महिलाओं के लिए पिटारा खोला है। सरकार के इस बजट से किसानों को कम ब्याज पर ऋण मिलेंगे तो समूह से जुड़ी महिलाओं को काफी लाभ होगा। श्रमिक वर्ग के लिए भी बजट उम्मीद लेकर आया है।

पर्यटन की अधूरी रही उम्मीद: जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार के बजट में कोई प्रविधान नहीं होने से निराशा हुई है। जिले में शीतला माता मंदिर के अलावा कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां साल में श्रद्धा का अपार मेला लगता है, लेकिन बजट इस क्षेत्र को निराश कर गया।

जागी आवास की उम्मीद: जिले के देहात क्षेत्र में आज भी 35 हजार ऐसे परिवार हैं, जिनको एक अदद आवास की खास जरूरत हैं। पांच लाख पीएम आवास योजना के लिए धनराशि तय होने से ऐसे आवासविहीन परिवार कुछ उम्मीद में हैं।

मिलेंगे ग्रामीण सचिवालय: बजट में पहली बार न्याय पंचायत स्तर पर दो चंद्रशेखर आजाद ग्रामीण विकास सचिवालय की योजना से जिले को लाभ होगा। इस योजना के बाद 160 पंचायत भवन सचिवालय में तब्दील होंगे।

किसानों को मिलेगा लाभ: यूपी सरकार ने बजट में इस बार किसानों के लिए कम ब्याज पर ऋण दिलाने के वादे के साथ राशि का प्रावधान किया है। सरकार के ऐसे प्रावधान से जिले के ढाई लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा।

सैनिक स्कूल के पूरे होंगे काम:

यूपी सरकार के बजट में सैनिक स्कूल के अधूरे काम को पूरा करने के लिए धनराशि का प्रविधान है। वैसे, जिले में इस स्कूल का संचालन अधूरे कामों के साथ बीते साल से हो रहा है, अब यह काम पूरे हो सकेंगे।

---------- बजट में सेहत को नहीं मिली संजीवनी

जासं, मैनपुरी: सोमवार को पेश हुए प्रदेश सरकार के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में मैनपुरी की झोली खाली रही। कुछ जिलों में मेडिकल कालेज की सौगात दी गई है, लेकिन मैनपुरी को कुछ भी नहीं मिल सका।

मैनपुरी जिला अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं नहीं हैं। गंभीर हालत होने पर यहां से मरीजों को सैफई मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया जाता है। प्रतिदिन आधा दर्जन या इससे ज्यादा मरीजों को अलग-अलग वजहों से रेफर कर दिया जाता है। अगर, मेडिकल कालेज की सुविधा मिलती तो मरीजों को जिले में ही उपचार मिल जाता। नृप चौधरी, राधा रमन रोड।

जिले में ह्दय रोग विशेषज्ञ नहीं है। सामान्य जांचों के लिए भी चिकित्सक सैफई के लिए रेफर कर देते हैं, जहां एक लंबी प्रक्रिया के बाद मरीज का नंबर आता है। इससे बेहद परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। मेडिकल कालेज की सुविधा मिलने से दिल के मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती थी। पुष्पेंद्र सिंह, आवास विकास कालोनी।

मैनपुरी में सबसे ज्यादा कैंसर रोगी हैं। यहां जिला अस्पताल परिसर में कैंसर यूनिट बनवाकर करोड़ों रुपये कीमत की मशीनें रखवाई गई थीं। आज तक इन मशीनों का इस्तेमाल नहीं हो सका। अब मरीजों को हजारों रुपये खर्च करके गैर जिलों और प्रांतों में अपना उपचार कराने के लिए परेशान होना पड़ता है। अंकित कश्यप, ईशन नदी तिराहा।

एमआरआइ के लिए सीटी स्कैन मशीन जिला अस्पताल परिसर में रखी हुई थी। रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण किसी को भी उपचार नहीं मिला और मशीन खराब हो गई। जिले में कोई सुविधा नहीं है। हालत बिगड़ने पर मरीजों को सैफई या फिर इटावा जाना पड़ता है। बजट से आस थी, लेकिन वह भी टूट गई। संजय यादव, देवी रोड।

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