बुखार से शरीर में कम होने लगा खून

बुखार के कहर के बीच इन दिनों मरीजों की स्थिति ज्यादा बिगड़ रही है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन दो दर्जन से ज्यादा ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जिनमें खून की कमी है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य का कहना है कि महीने भर से उनके यहां ओपीडी 150 के भी पार पहुंच रही है। ज्यादातर बच्चे बुखार से ही पीड़ित आ रहे हैं। प्रतिदिन चार से छह बच्चों में खून की कमी भी देखने को मिल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:03 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:03 PM (IST)
बुखार से शरीर में कम होने लगा खून
बुखार से शरीर में कम होने लगा खून

जासं, मैनपुरी : केस एक :

मुहल्ला राजीव गांधी नगर निवासी सादाब (27) पुत्र आकिल अहमद बुखार से पीड़ित हैं। तीन दिनों से लगातार बुखार आ रहा है। स्वजन ने प्राइवेट लैब पर जांच कराई तो हीमोग्लोबिन छह ग्राम निकला। चिकित्सक ने हालत गंभीर बताते हुए तत्काल रक्त चढ़वाने की सलाह दी। केस दो :

शहर के कचहरी रोड निवासी गुंजन (छह) पुत्री सत्यम कुमार को भी बुखार के बाद खून की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बालिका को तत्काल रक्त चढ़वाने की सलाह दी है। बुखार के कहर के बीच इन दिनों मरीजों की स्थिति ज्यादा बिगड़ रही है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन दो दर्जन से ज्यादा ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें खून की कमी है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य का कहना है कि महीने भर से उनके यहां ओपीडी 150 के भी पार पहुंच रही है। ज्यादातर बच्चे बुखार से ही पीड़ित आ रहे हैं। प्रतिदिन चार से छह बच्चों में खून की कमी भी देखने को मिल रही है। डा. पल्लवी सक्सेना का कहना है कि कई बार बुखार में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। ज्यादातर तीमारदार समय पर सही उपचार नहीं दिलाते। जिसका खामियाजा रक्त की कमी के तौर पर सामने आता है। निगेटिव ग्रुप की है कमी जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में निगेटिव ग्रुप के खून की जबरदस्त कमी देखने को मिल रही है। हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा ब्लड बैंक की सूचना सार्वजनिक करने पर पाबंदी लगा दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन दो से चार यूनिट रक्त की मांग बनी हुई है। निगेटिव ग्रुप के लिए दानदाताओं से अपील की जाती है। छह या इससे कम ग्राम पर बढ़ती है चिता

चिकित्सकों का कहना है कि आमतौर पर बच्चों में 12 से 15 ग्राम हीमोग्लोबिन होना चाहिए, लेकिन बीमारी के दौरान यह कम हो रहा है। यदि छह या इससे कम स्तर होता है तो यह चिता की बात मानी जाती है और मरीज को रक्त चढ़ाने की सलाह दी जाती है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे बुखार को बढ़ने न दें। जितना हो सके लिक्विड डाइट लेते रहें ताकि शरीर में जरूरी तत्वों का संतुलन बना रहे। फिर भी यदि रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है तो ब्लड बैंक से व्यवस्था कराई जाएगी।

डा. पीपी सिंह, सीएमओ

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