विकास भवन में खाद की मांग को लेकर बैठे भाकियू पदाधिकारी

डीएपी खाद की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बुधवार को विकास भवन में बैठ गए। सहकारिता विभाग के अधिकारियों से डीएपी दिलाने की मांग करते हुए परिसर में बैठ गए। समितियों का सदस्य नहीं होने की वजह से अधिकारी भी पशोपेश में नजर आए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 04:54 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 04:54 AM (IST)
विकास भवन में खाद की मांग को लेकर बैठे भाकियू पदाधिकारी
विकास भवन में खाद की मांग को लेकर बैठे भाकियू पदाधिकारी

जासं, मैनपुरी : डीएपी खाद की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बुधवार को विकास भवन में बैठ गए। सहकारिता विभाग के अधिकारियों से डीएपी दिलाने की मांग करते हुए परिसर में बैठ गए। समितियों का सदस्य नहीं होने की वजह से अधिकारी भी पशोपेश में नजर आए।

बीते दिन भाकियू पदाधिकारी कलक्ट्रेट में ज्ञापन देने आए। इस दौरान उन्होंने डीएम महेंद्र बहादुर से डीएपी दिलाने की मांग की तो उन्होंने सभी को विकास भवन सहकारिता विभाग कार्यालय भेज दिया, जहां खाद दिलाने का आश्वासन मिलने के बाद भी बुधवार को जागीर समिति पर पहुंचे तो खाद नहीं मिल सका। इसके बाद भाकियू से जुड़े यह पदाधिकारी विकास भवन के अंदर परिसर में बैठ गए। खाद दिलाने की मांग उठाई गई। जिलाध्यक्ष राधेश्याम शाक्य, राजा ठाकुर, बृजेश, रामआसरे, राकेश, साबिर अली, सुरेश, भुवनेश राजपूत, राजवीर, गौरव, रामप्रताप सिंह आदि भाकियू पदाधिकारी मौजूद रहे। पशोपेश में अधिकारी

सहकारिता विभाग के अधिकारी विकास भवन में आए किसानों को लेकर पशोपेश में दिखे। नियम के अनुसार, समिति से खाद केवल सदस्य किसानों को दिलाया जा सकता है। ऐसे में भाकियू किसान सदस्य नहीं थे, जबकि सदस्य बनने के लिए भी राजी नहीं नजर आए। लक्ष्य से ज्यादा बांटा खाद

सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनको अक्टूबर माह में डीएपी आवंटन के लिए 840 मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य मिला था, जबकि वह इसी माह अब अब तक 3,617 मीट्रिक टन खाद बांट चुके हैं। जल्द ही एक और रैक आने को है। बाजार में कम है उपलब्धता

जिले में डीएपी कमी का संकट बाजार में खाद की कम उपलब्धता होना भी है। निजी दुकानदारों के पास 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी था, जो बिक गया। अभी रैक लग नहीं पा रही है, इसलिए संकट बरकरार है। भाकियू से जुड़े किसान सहकारी समितियों के सदस्य नहीं है। नियमानुसार समिति से खाद केवल सदस्य को मिल रहा है। इनकी समस्या का समाधान करने के लिए कोशिश की जा रही है।

विवेका सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता।

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