असम में बिकेगा मैनपुरी का आलू, पहली किसान रेल रवाना
12 किसानों ने असम की बिहारा मंडी भेजा 325 टन आलू प्रयागराज मंडल ने आलू परिवहन को चलाई है पहली किसान रेल
जासं, मैनपुरी: किसान देश में अपनी फसल को बेहतर मुनाफे पर कहीं भी बेच सके, इसके लिए रेलवे ने बड़ी पहल की है। मैनपुरी से ऐसी विशेष किसान रेल मंगलवार को यहां के 12 किसानों का करीब 325 टन आलू लादकर असम के बिहारा मंडी को रवाना की गई।
मैनपुरी और फर्रुखाबाद में आलू की खेती बड़े पैमाने पर होती है। दोनों जिलों के आलू की गुणवत्ता बेहतर मानी जाती है, लेकिन किसानों को स्थानीय मंडी में उपज का मनमाफिक मूल्य नहीं मिल पाता। केंद्र सरकार की छूट के बाद रेलवे ने किसानों की फसल को अन्य राज्यों की मंडियों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया। प्रयागराज मंडल द्वारा संचालित पहली किसान रेल (संख्या 00416) में दोनों जिलों के 12 किसानों का आलू लादा गया।
स्टेशन अधीक्षक एचएस मीणा और एसके सिंह का कहना है कि 20 अक्टूबर को यह विशेष ट्रेन असम की मंडी में पहुंचेगी। सुबह 6:25 बजे ट्रेन को रेलवे के अधिकारियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
7.85 लाख रुपये में बुक हुईं 22 बोगियां
रेलवे अधिकारियों ने बताया, किसानों ने ट्रेन की 22 बोगियों में 325 टन आलू लादा गया। सरकार की सब्सिडी योजना के तहत किसानों से ट्रेन का 50 फीसद किराया 7.85 लाख रुपये ही लिया गया है। शेष 50 फीसद किसानों को सब्सिडी दी गई है।
आलू, लहसुन व सब्जी उत्पादकों को होगा मुनाफा
जिले में आलू और लहसुन के साथ गेहूं की पैदावार ज्यादा होती है। कई राज्यों में इनकी मांग है। वहां इनके तीन गुने ज्यादा दाम मिलते हैं। किसान ऐसे क्षेत्रों में सीधे अपना माल ले जाकर बेच सकते हैं। इसके अलावा जिले के बेवर और भोगांव क्षेत्र में सब्जी उत्पादक किसान भी अपनी फसल सीधे दिल्ली के बाजार में ले जा सकते हैं।
रेलवे की मार्केटिग टीम ने किया था सर्वे:
स्टेशन अधीक्षक एचएस मीणा ने बताया, रेलवे की मार्केटिग टीम ने इस योजना के तहत जनवरी 2021 में सर्वे किया था। गांव गडे़री, बेवर, भोगांव के साथ फर्रुखाबाद के किसानों से भी बात की गई थी। जिले में 2017 से लोडिग की सेवा बंद पड़ी हुई थी। रेलवे की इस नई स्कीम की मदद से 13 मार्च 2021 को दो मालगाड़ियों की 11 बोगियों में आलू लादकर सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ के लिए भेजा गया था।