आइएएस बनकर अधिकारियों को फोन करने वाला गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी जिले के युवक ने पूर्व प्रमुख सचिव बनकर तहसीलदार भोगांव को फोन किया था। दस दिन पहले तहसीलदार ने एफआइआर दर्ज कराई थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:44 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:44 AM (IST)
आइएएस बनकर अधिकारियों को फोन करने वाला गिरफ्तार
आइएएस बनकर अधिकारियों को फोन करने वाला गिरफ्तार

जासं, मैनपुरी : पूर्व प्रमुख सचिव बनकर अधिकारियों को हड़काने वाला फर्जी आइएएस गुरुवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वह लखीमपुर खीरी जिले का निवासी है। उसके खिलाफ दस दिन पहले भोगांव के तहसीलदार ने थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। पूछताछ में आरोपित ने पुलिस को कई जानकारियां दी हैं।

30 मई को तहसीलदार भोगांव अजीत कुमार के मोबाइल पर फोन करने वाले ने खुद को वरिष्ठ आइएएस सुरेश चंद्रा का पूर्व प्रमुख सचिव बताया। उसने जिले की तहसीलों की संख्या के बारे में जानकारी लेने के साथ ही तहसीलदारों के नाम पूछे। फिर कहा कि तहसीलदार सदर, करहल और कुरावली को बोल दो कि वे मुझसे बात कर लें। हालांकि इस दौरान फोन करने वाले ने कोई काम नहीं बताया। तहसीलदार भोगांव को संदेह हुआ तो उन्होंने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। पांच जून को अधिकारियों ने आइएएस सुरेश चंद्रा से जानकारी ली तो उन्होंने फोन न करने की बात कहीं। इस दौरान पता चला कि किसी फर्जी व्यक्ति द्वारा अन्य जिलों के अधिकारियों को भी फोन किया गया है।

एसपी अशोक कुमार राय ने बताया कि मामला खुलने के बाद तहसीलदार भोगांव की तहरीर पर अज्ञात जालसाज के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी। जांच के लिए भोगांव पुलिस के अलावा सर्विलांस टीम को लगाया गया। जालसाज ने मथुरा के फर्जी पते से मोबाइल का सिम हासिल किया था। इसलिए उस तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था। इसी दौरान जालसाज ने गलती कर दी। जिस नंबर से अधिकारियों को फोन करता था, उसी से अपने रिश्तेदार को फोन लगा दिया। पुलिस ने रिश्तेदार के माध्यम से जानकारी हासिल करने के बाद जालसाज का पीछा शुरू कर दिया। गुरुवार को एसओ भोगांव विजय कुमार गौतम और सर्विलांस प्रभारी जोगेंद्र की टीम ने आरोपित को भोगांव क्षेत्र से दबोच लिया। जालसाज ने अपना नाम सूरज कुमार पटेल निवासी मोहम्मदपुर थाना मोहम्मदी जिला लखीमपुर खीरी बताया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। दसवीं फेल है आरोपित

पकड़ा गया आरोपित दसवीं फेल है। उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। उस पर पांच बीघा जमीन है। पिता खेतीबाड़ी करते हैं। घर में मां और छोटा भाई है, जो पढ़ाई करता है। आरोपित बातचीत में निपुण है। इसीलिए अधिकारियों को अपने झांसे में लेकर सिफारिशें करता था। पकड़े गए आरोपित ने बताया कि वह पीसीएस और इससे नीचे के अधिकारियों को ही फोन कर प्रभाव बनाने में कोशिश करता था। सरकारी आवास और ट्रांसफर को करता था सिफारिश

आरोपित ने बताया कि वह सरकारी आवास दिलाने के लिए दो हजार रुपये लेता था और आइएएस अधिकारी बनकर पीसीएस अधिकारियों को फोन कर आवास आवंटित करा देता था। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण भी कराता रहता था। इसके एवज में उसे दो से पांच हजार रुपये तक मिल जाते थे। पूछताछ में पुलिस को करता रहा गुमराह

पूछतांछ वह पुलिस के कई सवालों को टाल गया। उसने अब तक कितने अधिकारियों से फोन कर काम कराए हैं, इसको लेकर जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हुआ। इस अपराध को कब और कैसे शुरू किया, इसको लेकर भी उसने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। काल डिटेल में निकले अधिकारियों के नंबर

आरोपित तक पहुंचने के लिए सर्विलांस टीम ने काल डिटेल निकलवाई तो उस पर सिर्फ अधिकारियों के नंबर ही सामने आए। इस नंबर से वह अपने रिश्तेदार और स्वजन को फोन नहीं करता था। रिश्तेदारों से बात करने के लिए दूसरा मोबाइल रखता था। पुलिस ने 20 हजार रुपये का लालच देकर फंसाया

पैसे लेकर आवास आवंटन कराने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने अपना प्लान तैयार किया। सर्विलांस प्रभारी जोगेंद्र सिंह ने ग्रामीण बनकर फोन पर कहा कि वह और उसके नौ रिश्तेदार आवास आवंटन चाहते हैं। 20 हजार रुपये एकत्र कर लिए हैं। आरोपित रुपये लेने के लिए भोगांव आया और पुलिस के शिकंजे में फंस गया।

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