जिले में बदली नजर आएगी 247 गांवों की सूरत

अब ग्राम पंचायतों में तीन बिदुओं पर काम किया जाएगा। मेरा गांव-स्वछ गांव अभियान की सफलता को जिलास्तरीय अधिकारी नोडल बनाए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 05:08 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 05:08 AM (IST)
जिले में बदली नजर आएगी 247 गांवों की सूरत
जिले में बदली नजर आएगी 247 गांवों की सूरत

जासं, मैनपुरी: अब गांव भी साफ और सुंदर नजर आएंगे। राहों पर घूरे के ढेर नहीं दिखेंगे। अब ऐसे ढेर खाद के बनाए जा रहे पक्के गड्ढों में पहुंचेंगे। गलियों में उड़ने वाली पालीथिन भी एकत्र कर जमा की जाएगी। घरों से निकलने वाले पानी को सुगमता से तालाब तक पहुंचाने के लिए टूटी नालियों को भी सहेजा जाएगा। अभियान को धरातल पर अंजाम देने के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

शासन की मंशा है कि गांव बाहर और अंदर से स्वच्छ और सुंदर दिखे, इसके लिए जिले में दस दिन का मेरा गांव-स्वच्छ गांव अभियान का आगाज किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने बताया कि अभियान के दौरान पंचायत सचिव ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना तैयार कर गांव को स्वच्छ बनाने का कार्य करेंगे। संगठित 247 ग्राम पंचायतों में ठोस कचरे का प्रबंधन करने के लिए कंपोस्ट पिट और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सोख्ता गड्ढा बनेंगे। अभियान त्वरित गति से तय समय में पूरा किया जाना है, जिससे कोरोना महामारी और आने वाली वर्षा ऋतु में जल-वेक्टर जनित बीमारियों का प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान इन गांवों में प्लास्टिक अपशिष्ट को एकत्र करने का काम सफाई कर्मचारी प्लास्टिक एकत्रीकरण करेगा। प्रधान और पंचायत सचिव जरूरत के अनुरूप मजदूरों को भी लगा सकते हैं। एडीओ पंचायत एकत्र प्लास्टिक को विकास खंड स्तर पर स्थान एकत्र करेंगे।

एडीओ और सचिवों को बताए दायित्व

डीपीआरओ स्वामीदीन ने बताया कि अभियान के जारी किए गए निर्देशों का पालन कराया जाएगा। विकास खंडवार पंचायत सचिवों और एडीओ पंचायत को बैठक कर कराए जाने वाले कार्यों की जानकारी दे दी गई है। संगठित ग्राम पंचायतों में कम से कम दो सामुदायिक खाद गड्ढे और जरूरत के अनुरूप सोकपिट का निर्माण होगा। सचिव इसे प्राथमिकता से करेंगे, जो निर्देशों का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सचिव गांव में खाद एकत्र करने को गड्ढे का निर्माण 10 हजार की लागत से कर सकते हैं। यह धनराशि राज्य-केंद्र वित्त से व्यय की जाएगी। गांव में घूरे, कचरे को उठाने को जेसीबी मशीन किराये पर ली जा सकती हैं। नालियों की सफाई के लिए भी मशीनों का प्रयोग किया जा सकता है। कार्यों पर व्यय पीडब्ल्यूडी के शेड्यूल रेट पर कराया जायेगा।

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डीएम ने जारी किए निर्देश-

अभियान को सफल बनाने को डीएम महेन्द्र बहादुर सिंह ने बीडीओ और एडीओ पंचायत को निर्देश दिए हैं। नोडल अधिकारी अभियान के दौरान आवंटित विकास खंड की ग्राम पंचायतों में अभियान के कार्यों का निरीक्षण कर रिपोर्ट डीएम को प्रस्तुत करेंगे। पंचायत सचिव अभियान के कार्यों को निर्धारित समयावधि में करने के लिए जिम्मेदार होंगे। अभियान 18 जून तक चलाया जाएगा। यह अधिकारी बनाए गए नोडल

डीएम ने अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। विकास खंड बरनाहल में जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, बेवर में अधिशासी अभियंता जल निगम, घिरोर में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जागीर में जिला समाज कल्याण अधिकारी, करहल में पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, कुरावली में जिला कृषि अधिकारी, किशनी में बीएसए, मैनपुरी अधिशासी अभियंता नलकूप और सुल्तानगंज ब्लाक में डीआइओएस को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। फोटोग्राफ्स एकत्रीकरण का कार्य योजना सहायक सर्वेश दुबे करेंगे।

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