ढाई महीनों बाद थोडे़ सुकून में दिखी इमरजेंसी
अगस्त से जिले में बुखार का जानलेवा कहर जारी है। सैकड़ों की संख्या में लोग अब भी बीमार हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी की स्थिति यह थी कि पैर रखने भर की जगह नहीं बची थी। प्रशासन को अतिरिक्त टीम तैनात करनी पड़ी। लगभग ढाई महीनों के बाद पहली बार मरीजों की भीड़ से दिनभर राहत बनी रही।
जासं, मैनपुरी : अगस्त से जिले में बुखार का जानलेवा कहर जारी है। सैकड़ों की संख्या में लोग अब भी बीमार हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी की स्थिति यह थी कि पैर रखने भर की जगह नहीं बची थी। प्रशासन को अतिरिक्त टीम तैनात करनी पड़ी। लगभग ढाई महीनों के बाद पहली बार मरीजों की भीड़ से दिनभर राहत बनी रही।
जिले में बुखार के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल में दो-दो डाक्टरों के साथ फार्मासिस्ट और अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ को अस्थायी तौर पर तैनात किया है। रविवार को पहली बार ढाई महीनों के बाद इमरजेंसी में राहत नजर आई। सुबह से दोपहर की शिफ्ट में सामान्य दिनों की अपेक्षा बेहद कम मरीज थे।
दोपहर में स्थिति यह हो गई कि ज्यादातर बिस्तर खाली हो चुके थे। प्रथम तल पर भी कोई नया मरीज भर्ती नहीं कराया गया था। इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ भी राहत में दिखा। चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों की संख्या में पहले की अपेक्षा कुछ कमी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही राहत भी मिलेगी। सीएमएस कर रहे नियमित मानीटरिग
बेकाबू होती स्थितियों के बावजूद सीएमएस डा. अरविद कुमार गर्ग ने मरीजों के उपचार में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। प्रतिदिन दिन में तीन से चार बार अकेले ही सभी मरीजों के पास पहुंचकर उनकी सेहत की जानकारी ले रहे हैं। इनडोर में भर्ती मरीजों की स्थिति जानने के लिए चिकित्सकों की टीम को भी लगाया गया है। उनका कहना है कि इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि मरीजों को सही जानकारी मिले। लगातार मरीजों से अपील कर रहे हैं कि झोलाछाप के पास न जाकर अस्पताल में ही आएं और जांच कराएं।