गलतियों का अहसास कर हृदय से मांगो क्षमा: विहसंत सागर

कस्बा के जैन मंदिर नसिया में मेडिटेशन गुरु जैन मुनि विहसंत सागर महा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:25 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:25 AM (IST)
गलतियों का अहसास कर हृदय से मांगो क्षमा: विहसंत सागर
गलतियों का अहसास कर हृदय से मांगो क्षमा: विहसंत सागर

संसू, करहल (मैनपुरी): कस्बा के जैन मंदिर नसिया में मेडिटेशन गुरु जैन मुनि विहसंत सागर महाराज ने क्षमा वाणी पर्व पर कहा कि क्षमा की बात करना बहुत सरल है, लेकिन क्षमा कर देना बहुत कठिन होता है। जब तक ह्रदय सरल और मन शांत नहीं करोगे, तब तक आपको उसके प्रति गलतियों का अहसास ही नहीं होगा।

जैन मुनि ने कहा कि आज का दिन अंत: विश्लेषण का दिन है। आप पहले एक सूची तैयार करें और अंकित करें कि छह माह में सबसे अधिक किसके प्रति मन में गांठ हुई है। उससे सबसे पहले क्षमा के भाव प्रकट करके उस गांठ को खोलना चाहिए। बैर पूर्ण संबंध समाप्त कर देना चाहिए, लेकिन आप लोग तो केवल औपचारिकता वाली क्षमा वाणी मनाते चले आ रहे हो। प्रत्येक वर्ष क्षमा वाणी मनाते हैं, लेकिन वो अनुभूति नहीं होती जो क्षमा के पश्चात होनी चाहिए।

गुरुदेव ने कहा कि क्षमा मांगना वीरों का काम है। क्षमा करना महावीर का काम होता है। आप लोगों को 19 वर्षों बाद किसी संत के सानिध्य में क्षमावाणी पर्व मनाने का सौभाग्य मिला है। एक-दूसरे के प्रति कटुता समाप्त करके महावीर के बताए मार्ग पर चल कर क्षमा मांगना और करनी चाहिए।

जैन मुनि के सानिध्य में मंदिर पर आए श्रद्धालुओं ने शांति धारा कर क्षमावाणी पर्व मनाया गया। एक-दूसरे से हाथ जोड़कर क्षमा याचना की। सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। इस मौके पर मनीष जैन, विनीत मुजबार, नमन जैन, अबधेश जैन, पंडित रमेश चंद, अशोक कक्का, नीरज रपरिया, राजीव सिघई, मनोज पटवारी, रूबी जैन, संगीता, लवली मुजबार, बुलाकी जैन, अंशुल रपरिया, अशोक रईस उपस्थित रहे।

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