जिले के 22 हजार विद्यार्थियों का डाटा मिला संदेहास्पद

लखनऊ एनआइसी ने स्कूटनी के दौरान ऐसे मामले पकड़े कालेजों की कृपा में फंसी सरकारी इमदाद अपडेट का मिला मौका

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:56 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:56 AM (IST)
जिले के 22 हजार विद्यार्थियों का डाटा मिला संदेहास्पद
जिले के 22 हजार विद्यार्थियों का डाटा मिला संदेहास्पद

जासं, मैनपुरी: जिले के दशमोत्तर के करीब 22 हजार विद्यार्थियों का डाटा संदेहास्पद मिला है। अब ऐसे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति कालेजों की कृपा में फंस गई है। शासन स्तर से एनआइसी में हुई स्कूटनी में ऐसे मामले पकड़े गए हैं। कालेजों को छात्रवृत्ति से जुड़े इन प्रकरणों का दोबारा सत्यापन कर विभाग को भेजना होगा, इसके बाद ही छात्रवृत्ति मिलने के आसार हैं।

शासन सभी वर्गों के पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की सुविधा मुहैया कराता है। कोर्स के हिसाब से मिलने वाली छात्रवृत्ति को हासिल करने के लिए विद्यार्थी आनलाइन आवेदन करते हैं, कुछ कालेज इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं। छात्रवृत्ति पाने के लिए इस साल भी विद्यार्थियों ने आनलाइन आवेदन किए गए, लेकिन डाटा संदेहास्पद मिलने से अब इसमें पेंच फंस गया है।

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यह है नियम

छात्रवृत्ति पाने के लिए पहले विद्यार्थी आनलाइन आवेदन करता है, इसमें गलती सुधार के लिए उनको तीन दिन का समय मिलता है। इसके बाद कालेज इस आवेदन को फारवर्ड करता है जो डीआइओएस कार्यालय से प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह विभाग के जरिये शासन को जाते हैं।

- एनआइसी ने पकड़े मामले-

शासन स्तर पर एनआइसी के जरिए ऐसे आवेदनों की स्कूटनी कराई गई तो 22 हजार विद्यार्थियों के संदेहास्पद मामले पकड़ में आए। छात्रवृत्ति से जुड़े इन मामलों में 29 बिदुओं में शामिल खामियां मिली हैं।

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अब कालेजों की कृपा-

22 हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का यह मामला अब कालेजों की कृपा में फंसा है। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण और समाज कल्याण विभाग ने ऐसे छात्रों की सूची संबंधित कालेजों को उपलब्ध करा दी है। अब कालेजों को ऐसे संदेहास्पद मामलों का सत्यापन कर इनको विभाग को सौंपना होगा, इसके बाद ही विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की सुविधा मिल सकेगी।

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यह होना था-

छात्रवृत्ति के आवेदन सही करने के लिए शासन ने एक से दस फरवरी तक की तिथि विद्यार्थियों के लिए तय की थी। इसके बाद 11 से 13 फरवरी तक संबंधित कालेज को इसे फारवर्ड करना था।

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जिले के 22 हजार विद्यार्थियों का छात्रवृत्ति डाटा संदेहास्पद मिला है। आनलाइन स्कूटनी के दौरान ऐसे मामले पकड़े गए हैं। कालेजों को इसकी जानकारी दी है, जल्द ही सत्यापन के बाद उनको ऐसे आवेदन विभाग को देने होंगे, कुछ सही भी कर रहे हैं।

- डा. इन्द्रा सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी।

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29 बिदुओं की मिली कमी

जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी यश कुमार वर्मा ने बताया कि ऐसे संदेहास्पद मामलों में 29 बिदुओं पर कमियां मिली हैं। इनमें आधार की गलती, विवि का गलत नामांकन, निरस्त आय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र नहीं लगाना, परिणाम घोषित नहीं होना, डुप्लीकेट आधार कार्ड का ब्येारा, संदेहास्पद उम्र आदि शामिल हैं।

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सदेहास्पद डाटा का ब्योरा-

3286 सामान्य वर्ग के

3345 विद्यार्थी अनुसूचित जाति के

14000 विद्यार्थी पिछड़ा वर्ग के

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