जिले में आई 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी

आलू और सरसों फसल बोआई के लिए खाद का इंतजार करने वाले किसानों के लिये यह खबर राहत देगी। अब जिले में 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी और आई है जिसका सहकारी समितियों को उठान करा दिया गया है। अब किसान यहां से खाद ले सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 04:30 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 04:30 AM (IST)
जिले में आई 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी
जिले में आई 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी

जासं, मैनपुरी : आलू और सरसों फसल बोआई के लिए खाद का इंतजार करने वाले किसानों के लिये यह खबर राहत देगी। अब जिले में 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी और आई है, जिसका सहकारी समितियों को उठान करा दिया गया है। अब किसान यहां से खाद ले सकते हैं।

जिले में रबी फसल का सीजन शुरू हो चुका है। गांवों में आलू, सरसों और लहसुन बोआई का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए डीएपी खाद की महती आवश्यकता है। ऐसे में खाद को लेकर समूचे जिले में संकट बना हुआ है। समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं है तो निजी दुकानदार तय कीमत 12 सौ रुपये से अधिक पर इसे बेच रहे हैं, ऐसे में फसल को समय पर बोने के लिए मजबूर किसान खाद को मनमानी कीमत पर खरीदने को विवश है।

समितियों को भेजी 22 सौ मीट्रिक टन खाद

सहकारी समितियों के जरिये खाद लेने का इंतजार करने वाले किसानों को अब डीएपी उपलब्ध होगी। बीते दिन सहकारिता विभाग को 22 सौ मीट्रिक टन डीएपी की रैक मिली थी, इसका जिले की समितियों को वितरण कर दिया गया। इससे पहले समितियों से 18 सौ मीट्रिक टन डीएपी पूर्व में बांटी जा चुकी है। सहकारिता विभाग को जनवरी तक 53 सौ मीट्रिक टन डीएपी का वितरण समितियों से करना है। अब तक समितियों को चार हजार मीट्रिक टन डीएपी दी जा चुकी है। यह आलू और सरसों बोआई की पूर्ति करेंगी। बाकी 13 सौ मीट्रिक टन डीएपी जनवरी तक उपलब्ध कराई जाएगी।

विवेका सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता।

chat bot
आपका साथी