घरवालों के मिलने नहीं आने से परेशान बंदी ने जेल में गला काटा
जागरण संवाददाता महोबा एक साल से घर से किसी के नहीं आने और अन्य बंदियों की ओर से परेशान
जागरण संवाददाता, महोबा : एक साल से घर से किसी के नहीं आने और अन्य बंदियों की ओर से परेशान किए जाने से आहत होकर उप कारागार में निरुद्ध बंदी ने ब्लेड से अपना गला काट लिया। जमीन पर खून से लथपथ बंदी को तड़पता देख आनन फानन में कारागार कर्मियों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार बताया गया है।
हमीरपुर जनपद के छानी बंधा मुसरा गांव निवासी 19 वर्षीय जितेंद्र को अगस्त 2020 से दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह उप कारागार में निरुद्ध है। जिला अस्पताल में उसने उपचार के दौरान बताया कि पिछले एक साल से उसके घर से कोई भी मिलने नहीं आया। जेल प्रशासन की ओर से भी घरवालों को कई बार मिलने के लिए संदेश भेजा गया। हालांकि इसके बाद भी घर से कोई नहीं आया, ना ही उसका हालचाल ही लिया। इससे वह काफी परेशान था। जितेंद्र का आरोप है कि जेल के अंदर कुछ बंदी भी उसे परेशान करते हैं, भरपेट भोजन भी नहीं मिलता। इससे वह काफी आहत था। शुक्रवार सुबह वह बंदियों के बाल काटने वाले कमरे में पहुंचा और ब्लेड लेकर अपने गले में मार लिया। गला कटने से वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिरकर तड़पने लगा। जिसे देख जेल के कर्मियों ने तत्काल अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद आनन फानन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। डाक्टरों ने उसकी हालत पहले से ठीक बताई है।
एक साल से बंदी से मिलने घर का कोई भी सदस्य नहीं आया। मैंने भी फोन पर स्वजनों को आकर मिलने को कहा, लेकिन कोई नहीं आया। इससे बंदी परेशान रहता था। परेशान करने वाली बात गलत है। मैं खुद उसकी छोटी मोटी जरूरतें पूरी कर देता हूं। स्वजन के अभी तक उससे आकर मुलाकात न करने की वजह से उसने ब्लेड गले में मार ली। डा. सुल्लेरे से बात हुई है, अब उसकी हालत में सुधार बताया गया है।
- भोलानाथ मिश्रा, जेलर, उपकारागार