निखर रही गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि..
अभिषेक द्विवेदी महोबा यह महज एक पहाड़ नहीं है बल्कि लोगों की आस्था का केंद्र भी है। यह
अभिषेक द्विवेदी, महोबा : यह महज एक पहाड़ नहीं है, बल्कि लोगों की आस्था का केंद्र भी है। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम ने सीता व लक्ष्मण के साथ कुछ समय व्यतीत किया था तो वहीं नाथ सम्प्रदाय के प्रणेता गुरु गोरखनाथ ने भी सातवें शिष्य सिद्धो दीपकनाथ के साथ तपस्या की थी। सालों से पर्यटन विकास की बाट जोह रहे इस ऐतिहासिक गोरखगिरि की सुध सीएम योगी ने ली और उज्ज्वला 2.0 की शुरुआत कराने महोबा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने हेलीकाप्टर से इसकी तीन परिक्रमा की थी। साथ ही पर्यटन विकास के निर्देश दिए।
सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने यहां के विकास के प्रस्ताव भेजे और सीएम से भेंट की। इसके बाद 10 करोड़ का प्रस्ताव पास हुआ और 1.20 करोड़ रुपये भी आ गए हैं। इस तरह अब गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि निखर रही है।
शिमला, ऊंटी जैसी होती है अनुभूति
गोरखगिरि किसी मायने में हिल स्टेशन शिमला ऊंटी, खजुराहो आदि से कम नहीं है। यहां ऊपर सिद्ध सरोवर बना हुआ है। 2018 में पहाड़ के ऊपर समाजसेवी तारा पाटकर के नेतृत्व में यहां 62 दिनों तक श्रमदान हुआ था और सरोवर की खोदाई हुई थी। आज भी यहां पानी है। यह स्थान देशी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने का माद्दा रखता है। पहाड़ पर चढ़ते ही आनंद आश्रम मिलता है और यहां से पूरा शहर दिखाई देता है। नजारा ऐसा है कि मानो मनाली व शिमला पहुंच गए हो।
अब तक क्या हुए काम
पहले चरण में यूपीपीसीएल यूनिट-13 बांदा व दूसरे चरण में अब राजकीय निर्माण निगम लखनऊ काम करा रहा है। अब तक पहाड़ में 2000 फिट ऊपर दो एक-एक हजार लीटर की पानी की टंकी रखवाई गई है। वहीं शिवतांडव प्रांगण में इंटरलाकिग व पहाड़ में सीढ़ी बनने का काम भी शुरू हुआ। मंदिर के बगल में ही बारिश से बचने के लिए टीशेड और रेलिग लगाई गई।
क्या होने हैं काम
गोरखगिरि में रोप-वे के साथ ही मेडिटेशन सेंटर, संजीवनी वाटिका के साथ ही गुरु गोरखनाथ की प्रतिमा भी लगनी है। यदि ऐसा हुआ तो यह केंद्र पर्यटन की ²ष्टि से विकसित होगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। कुछ दिन पूर्व विधायक सदर राकेश गोस्वामी ने सीएम से भेंटकर रोप-वे निर्माण की गुजारिश भी की थी। उम्मीद है कि इस दिशा में भी जल्द काम होंगे।