गोला घाट की सुंदरता पर लापरवाही की काई
संवाद सहयोगी चरखारी (महोबा) चरखारी को बुंदेलखंड का मिनी वृंदावन कहा जाता है। नगर में
संवाद सहयोगी, चरखारी (महोबा): चरखारी को बुंदेलखंड का मिनी वृंदावन कहा जाता है। नगर में प्रवेश करते ही सबसे पहले यहां के सप्तसरोवर की सुंदर झलक सभी के मन को मोह लेती है। इन्हीं सप्त सरोवरों में एक है गोला घाट। यह करीब 45 बीघा परिधि में घिरा है। प्राचीन धरोहरों में से एक इस सरोवर की खोदाई का काम पांच साल पहले शुरू हुआ था, जो आज तक पूरा नहीं हो सका। सरोवर के किनारे होने वाला सुंदरीकरण भी फाइलों में उलझ कर रह गया। घाट की सुंदरता पर लापरवाही की ऐसी काई जमी कि आज तक उसे दूर नहीं किया जा सका।
मुख्यालय से करीब 14 किलो मीटर दूर चरखारी कस्बा अंग्रेजों के शासन काल से ही चर्चा में रहा है। 1995 में महोबा जिला बनने से पहले तक क्षेत्र में इसी नगर को मुख्यालय के तौर पर देखा जाता था। बाद में महोबा को मुख्यालय बनाते हुए नया जिला घोषित हुआ तो चरखारी की उपेक्षा होने लगी।
-----
इंसेट
75 फीसद काम नहीं हुआ
नगर में सप्त सरोवरों में गोला घाट तालाब की अभी भी खोदाई अधूरी है। 2015-16 में इस तालाब की खोदाई का काम सिचाई विभाग की ओर से प्रारंभ हुआ था। बाद में किसी कारण से काम अधर में ही रोक दिया गया। अभी भी 75 फीसद काम बाकी है।
---
इंसेट
पानी आने के रास्ते बंद
गोला घाट में बारिश का पानी आए तो कैसे, जो नाली और अन्य रास्ते थे उनकी सफाई ही नहीं हो सकी। यही कारण है कि पूरे साल इस तालाब में बमुश्किल तलहटी में थोड़ा पानी ही नजर आता है।
---
इंसेट
सुंदरीकरण अटका
तालाब में जल संचय के लिए पांच साल पहले सरकार ने 19 सूत्रीय योजना के तहत काम चालू कराया था। जिसमें तालाबों की खोदाई, घाटों की मरम्मत, घाटों की सफाई, इंटरलाकिग, तट पर पार्क, बच्चों के लिए झूले, सुबह की सैर करने वालों के लिए व्यायाम स्थल, बैठने के लिए चेयर, पौधारोपण होना था। योजना तो बनी थी लेकिन काम प्रारंभ नहीं हो सका।
------
- बजट न प्राप्त हो पाने से इसका काम पूरा नहीं हो सका था। डिमांड फिर की गई है। पिछले साल टीम ने आकर निरीक्षण भी किया था। --अखिलेश सिंह, एक्सईएन मौदहा बांध निर्माण प्रथम महोबा।