दिवंगत मजदूर के पिता ने दर्ज कराया मुकदमा

जागरण संवाददाता महोबा तीन श्रमिकों की मौत मामले में पुलिस ने एक दिवंगत श्रमिक के पिता की त

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 05:37 PM (IST)
दिवंगत मजदूर के पिता ने दर्ज कराया मुकदमा
दिवंगत मजदूर के पिता ने दर्ज कराया मुकदमा

जागरण संवाददाता, महोबा : तीन श्रमिकों की मौत मामले में पुलिस ने एक दिवंगत श्रमिक के पिता की तहरीर पर दो युवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

रविवार शहर के कीरतसागर बिलवई चुंगी के पास कुछ लोग चोरी से अवैध दुकान निर्माण करा रहे थे। रात में अचानक दीवार ढहने से यहां काम कर रहे जयराज प्रजापति निवासी बराहा गौरिहार छतरपुर मप्र, राकेश अहिरवार निवासी मुड़ेरी थाना लवकुशनगर व कैलाश श्रीवास निवासी उर्दमऊ गढ़ी मलहरा मप्र की मौत हो गई थी। डीएम सत्येंद्र कुमार सहित पुलिस अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली थी। डीएम ने अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई की बात कही थी। पुलिस ने शव का पीएम कराकर उन्हें उनके घर भिजवाया। उधर, सोमवार को दिवंगत कैलाश के पिता जवाहरलाल की तहरीर पर पुलिस ने अवैध निर्माण करा रहे भीम चौरसिया व मुन्ना चौरसिया निवासीगण पनागरपुरा के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। बकौल जवाहरलाल निर्माणाधीन दीवार में पानी डालने से यह हादसा हुआ। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। महोबा में ही रहकर करते थे मजदूरी

घटना में दिवंगत हुए तीनों श्रमिक वैसे तो मप्र के रहने वाले थे लेकिन परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह मजदूरी करते थे और अलग-अलग जगहों पर महोबा में ही रहते थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अन्य श्रमिक और लोग भी वहां मौजूद थे। हादसे में कुछ श्रमिकों को मामूली चोटें आई, लेकिन हादसा देखकर वहां से निकल गए। पूर्व में दिए नोटिसों पर नहीं हुई कार्रवाई

घटना स्थल पुरातत्व विभाग की परिधि में आता है। विभाग के मुताबिक पूर्व में सभी को नोटिस दिए गए थे और पुलिस को भी इससे अवगत कराया गया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। विभाग के संरक्षण सहायक इरशाद अहमद ने बताया कि वह पुलिस को सूचना व कब्जा धारकों को नोटिस की कार्रवाई करते हैं। इसके बाद कब्जा हटवाना प्रशासन का काम होता है। पहाड़ पर बन गए दर्जनों मकान

घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर कीरतसागर सरोवर के तट पर धुमनी पहाड़िया है और यहां पहाड़ पर ही दर्जनों मकान बन गए हैं। करीब दो साल पूर्व यहां अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलाया गया था, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया।

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