बुंदेलखंड महोत्सव को लेकर तालाबों का होने लगा सुंदरीकरण

संवाद सहयोगी चरखारी(महोबा) बुंदेलखंड में अपनी तरह का पहला बड़ा महोत्वस होना है। चरखा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 11:48 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 11:48 PM (IST)
बुंदेलखंड महोत्सव को लेकर तालाबों का होने लगा सुंदरीकरण
बुंदेलखंड महोत्सव को लेकर तालाबों का होने लगा सुंदरीकरण

संवाद सहयोगी, चरखारी(महोबा): बुंदेलखंड में अपनी तरह का पहला बड़ा महोत्वस होना है। चरखारी कस्बा में इसका शुभारंभ 26 से होकर नौ जून तक होगा। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां हो रीह हैं। नगरपालिका द्वारा तालाब की साफ सफाई कराने के साथ तट पर पेंटिग का काम भी हो रहा है।

बुंदेलखंड युवा महोत्सव की तैयारियों को लेकर पिछले दिनों डीएम सत्येंद्र कुमार और बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण अध्यक्ष राजा बुंदेला ने निरीक्षण किया था। उसके बाद से कार्यक्रम स्थल का कायाकल्प व तालाबों का सुंदरीकरण चल रहा है।

प्रशासन ने संभावित तिथि 26 मई से शुरू होने वाले बुंदेलखंड युवा महोत्सव की तैयारियों को लेकर चार्ट तैयार कर लिया है।

डीएम ने बुंदेलखंड महोत्सव के लिए चरखारी के रॉयल थियेटर की मरम्मत करने के निर्देश नगर पालिका को दिए थे। जिससे युवा महोत्सव के लिए कंपनी रॉयल थियेटर हाल को खाली कराकर उसका कायाकल्प किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा सैलानियों को चरखारी स्टेट के प्रति आकर्षित करने के लिए कस्बा को संवारा जा रहा है। कस्बा सदर बाजार व मुख्य सड़कों का डामरीकरण किया गया है। वहीं आंतरिक रूप से जुड़े ऐतिहासिक सप्त सरोवरों तालाबों के घाटों की साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया है। नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी केके सोनकर व लेखाकार अयूब खान ने बताया कि मलखान सागर तालाब के घाट में सफाई के बाद तालाब के घाट को सैलानियों के लिए आकर्षित करने के लिए रंगीन चित्रों व स्लोगन प्लास्टिक पेंटिग से भरी जा रही है। अब युवा महोत्सव की तैयारियां होने से रॉयल थियेटर के दिन भी बहुर जाएंगे । पालिकाध्यक्ष मूलचंद अनुरागी ने बताया कि, चरखारी में बुंदेलखंड महोत्सव होने से यहां के कलाप्रेमियों को भी इससे प्रोत्साहन मिलेगा। आगा हश्र कश्मीरी के समय चरखारी के कलाकार तुर्की हूल ,आंख का नशा ,ईमान की बेटी, जैसे रंगमंच के कार्यक्रम किया करते थे। तब साउंड सिस्टम न होने पर भी रॉयल थियेटर की बनावट शैली के कारण कलाकारों की आवाज मंच से लेकर पूरे रॉयल थियेटर में गूंजती थी। यह रॉयल थियेटर की वास्तुकला की विशेषता है।

chat bot
आपका साथी