धूल धूसरित हो रहीं विरासतों के जल्द दिन बहुरेंगे
जागरण संवाददाता महोबा आल्हा ऊदल की वीरता के साथ चंदेलकालीन विरासतों की वजह से इस वीर
जागरण संवाददाता, महोबा: आल्हा ऊदल की वीरता के साथ चंदेलकालीन विरासतों की वजह से इस वीरभूमि का नाम पूरे देश में है। और यह इस वीरभूमि के रहने वालों के लिए बड़े गर्व की बात है। पुराने धरोहरों को संजोने की जिम्मेदारी हम सभी की है। डीएम सत्येंद्र कुमार ने सूर्य मंदिर, खखरामठ, कीरतसागर आदि स्थानों का अवलोकन कर चिता जताई। कहा यह वह स्थान हैं जिनके कारण हम सभी का मान बढ़ता है। इसके लिए इनकी देखरेख की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। उन्होंने पुरातत्व, पयर्टन विभाग को पत्र लिख कर पूर्व में किए प्रयास, आगे प्रस्ताव की जानकारी जल्द देने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन के इस प्रयास से दैनिक जागरण की ओर से धरोहरों को बचाने के लिए चलाई जा रही मुहिम को बल मिला है।
महोबा का सूर्य मंदिर देश के प्रसिद्ध कोणार्क के सूर्य मंदिर से किसी मायने में कमतर नहीं है। पयर्टन के नक्शे पर यदि इसे भी स्थान मिल जाए तो जिले का नाम रोशन हो जाएगा। कुछ ऐसे ही और भी स्थान है जो देखते ही बनते हैं। इसमें गोरखगिरी और ऊपर कई अनदेखे स्थान, गुफाएं, मंदिर दर्शनीय हैं। इनकी देखरेख की आवश्यकता है। मदनसागर के बीच बना खखरामठ, कीरतसागर, आल्हा ऊदल की बैठक, बाराहदरी, चंद्रिका देवी के स्थान को भी देखरेख की जरूरत है।
इंसेट) पहल से हालात सुधरेंगे
डीएम सत्येंद्र कुमार की ओर से जिले की प्राचीन धरोंहरों की देखरेख को लेकर गंभीरता दिखाने की जो पहल हुई है उसे यहां के लोगों ने सराहा है। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा कि प्रशासन का यह कदम बहुत ही सराहनीय है। जिले में गुरु गोरखनाथ की तप स्थली गोरखगिरि सहित और भी कई स्थल हैं जहां पयर्टन को बढ़ावा मिले तो जिले में रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। इतिहासकार एलसी अनुरागी कहते हैं कि डीएम की ओर से उठाए गए कदम से उम्मीद जागी है। इससे लगभग जीण शीर्ण होती जा रही चंदेलकालीन विरासतों को संजीवनी मिलेगी।
इंसेट) डीएम की ओर से की गई पहल
जनपद में पर्यटन विकास को लेकर डीएम सत्येंद्र कुमार ने कहा, जिले के पर्यटन स्पॉट्स का चिन्हाकन कराया जाएगा, पुरातत्व विभाग को पर्यटन स्थलों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जनपद में अब तक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास का ब्यौरा मांगा गया है। ऐतिहासिक स्थलों के साथ साथ प्राकृतिक ²श्यों को भी जोड़ने का प्रयास होगा।
जनपद के विकास में पर्यटन क्षेत्र का अहम योगदान हो सकता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा।