विभाग के जिम्मेदार सोते रहे, गायब हो गए 17 करोड़

जासं महोबा एक सामान्य उपभोक्ता यदि दो-तीन माह भी बिजली बिल न जमा करे तो उसके नाम की रसीद

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:16 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:16 PM (IST)
विभाग के जिम्मेदार सोते रहे, गायब हो गए 17 करोड़
विभाग के जिम्मेदार सोते रहे, गायब हो गए 17 करोड़

जासं, महोबा : एक सामान्य उपभोक्ता यदि दो-तीन माह भी बिजली बिल न जमा करे तो उसके नाम की रसीद फाड़ दी जाती है, लेकिन यहां तो एक साल तक बिल जमा होता रहा और खाते में एक पैसा जमा नहीं हुआ। इस पर भी जिम्मेदार अधिकारी बोले क्यों नहीं। राजस्व मिलान हर सप्ताह या दो-तीन दिन में होता है। उसमें भी मामला पकड़ में न आना जिम्मेदारों की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। फिलहाल अभी जांच पर ही संदेह के बादल मंडराने लगे हैं। आठ माह बाद भी दोनों जांच टीमें चार कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी हैं।

कबरई में बिजली बिल जमा करने के दौरान जिस कर्मचारी को लगाया गया था उसने बकाया वसूला तो लेकिन रकम बिजली कारपोरेशन खाते में जमा नहीं की। अब राजस्व की मिलान कराने की जिम्मेदारी एसडीओ से लेकर एक्सईएन तक की होती है। उस समय किसी ने देखा क्यों नहीं, बकाया बिल की धनराशि जमा नहीं हुई तो उसके लिए संबंधित कर्मचारी को टोकना चाहिए था। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस मामले में आरोपित कर्मचारी के साथ संबंधित अधिकारियों पर भी शक की सुई घूम रही है।

बिल के रुपये जमा करने के दौरान नहीं लगाई थी कार्बन कापी

बिजली विभाग में तत्कालीन कैशियर श्यामनारायण ने 31 अक्टूबर 2019 से

लेकर करीब एक साल तक के बिजली बिल की वसूली गई धनराशि बिजली कारपोरेशन के खाते में जमा नहीं की। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसी) महेंद्र कुमार के निर्देश पर मामले की जांच राठ एक्सइएन विमल कुमार तथा एक राठ के कर्मचारी यशपाल को दी गई थी। जांच के बाद पता चला कि उसमें 17 करोड़ के बाउचर नहीं मिल रहे हैं। जांच पूरी न होने पर टीम ने मांग की कि मामले में उच्चस्तरीय जांच कराएं। इस पर दूसरी जांच टीम बनी। इसमें एसी महेंद्र कुमार और एकाउंट आफीसर बृजेंद्र कुमार जांच कर रहे हैं। आरोपित श्यामनारायण पहले ही एक अन्य मामले में निलंबित किया जा चुका है, उस पर आरोप था कि उपभोक्ताओं के बिजली बिल का रुपया जमा करने के दौरान कार्बन कापी नहीं लगाई थी, रुपये भी अधिक जमा किए और विभाग में कम दिखाए थे। एक्सइएन ग्रामीण डीआर विमलेश के अनुसार उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। एसी ने बताया कि जांच हो रही है, इधर कोरोना संक्रमण के चलते जांच बाधित हुई थी। बैंकों से कई प्रपत्र मिलने बाकी हैं।

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