सूने हो गए आंगनों में फिर खुशहाली लाने की तैयारी
जागरण संवाददाता महोबा कोरोना ने बहुत से परिवारों से उनकी खुशियां छीन लीं। जिन परिवार
जागरण संवाददाता, महोबा: कोरोना ने बहुत से परिवारों से उनकी खुशियां छीन लीं। जिन परिवार में कल तक किलकारियां गूंजा करतीं थीं, आज उसी घर में बच्चे गुमसुम नजर आ रहे हैं। जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खोया है, उनकी चिता सरकार को है। ऐसे बच्चों और परिवार की पहचान कर उन्हें हरसंभव मदद पहुंचाई जाएगी। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना को मात देने के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। होम आइसोलेशन में हैं, बच्चे की देखभाल करने वाला परिवार में कोई नहीं है, उन बच्चों का संरक्षण होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग प्रमुख सचिव वी. हेकाली झिमोमी ने जिलाधिकारी को कोविड-19 से प्रभावित हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर सूची तैयार करने को कहा है। यह सूची 15 मई तक निदेशक, महिला कल्याण और राज्य बाल संरक्षण आयोग को भेजनी है। महिला कल्याण विभाग का कहना है कि इस सूची को तैयार करने में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गठित निगरानी समितियों की मदद ली जा सकती है। ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में गठित ग्राम बाल संरक्षण समितियों से भी इस संबंध में जानकारी जुटाई जा सकती है। जिसकी सदस्य सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होती हैं। विशेष किशोर पुलिस इकाई, चाइल्ड लाइन (1098) और जिला बाल संरक्षण इकाई भी सक्रिय होकर बच्चों के बारे में सूचनाएं प्राप्त होने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी या बाल कल्याण समिति को तत्काल मुहैया कराएंगी। जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो दिया है, उनके संबंध में सूचना कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर दे सकता है। ऐसे बच्चों की सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हेल्पलाइन- 011-23478250 पर भी दी जा सकती है।