पेट्रोमैक्स की रोशनी में रात 11 बजे तक हुआ मतदान

जागरण संवाददाता महोबा जिले में गुरुवार को मतों की भरपूर बौछार हुई। सुबह जहां मतदान ध

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:25 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:40 PM (IST)
पेट्रोमैक्स की रोशनी में रात 11 बजे तक हुआ मतदान
पेट्रोमैक्स की रोशनी में रात 11 बजे तक हुआ मतदान

जागरण संवाददाता, महोबा: जिले में गुरुवार को मतों की भरपूर बौछार हुई। सुबह जहां मतदान धीमा था वहीं देर रात तक मतदाताओं की कई बूथों पर लंबी लाइन लगी रही। आयोग की गाइड लाइन के अनुसार सभी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने दिया गया। इन बूथों पर मौजूद पीठासीन सुबह सात बजे से लेकर रात 11 बजे तक हिल तक नहीं सके। कुछ बूथों पर रोशनी का उचित इंतजाम न होने से वहां पेट्रोमेक्स जला कर मतदान हुआ।

कुलपहाड़ तहसील के कौहारी में बीस तो सगुनियांमाफ बूथ पर करीब साठ मतदाता रात पौने 11 बजे लाइन में थे। इसी तरह पहाड़िया में रात 10 बजे के बाद तक मतदान कराया गया। यहां करीब सौ मतदाता लाइन में लगे थे और दूसरी तरफ अधिकारी बेहाल नजर आ रहे थे। उन्हें हर हाल में मतदाताओं का वोट डलवाना ही था। यही कारण था कि इलेक्शन कमीशन को रिपोर्ट भेजने में भी जिला निर्वाचन को काफी इंतजार करना पड़ा।

जिले में 925 पोलिग बूथ बने थे। यहां पर करीब 4400 कर्मियों को मतदान ड्यूटी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सुबह सात बजे मतदान प्रारंभ हुआ तो कुछ बूथों पर काफी भीड़ हो गई। इन हालातों में जिला निर्वाचन को अपना ही फैसला बदलना पड़ा और सभी बूथों पर डबल मतपेटी रखवानी पड़ी।

यही कारण था कि जहां पहले दो घंटे में मात्र आठ फीसद मतदान हुआ तो 11 बजे 20 फीसद तक मतदान हो गया। एक बजे 32 फीसद तो अपराह्न तीन बजे तक 53 फीसद मतदान पहुंच गया। इसके बाद अचानक कई बूथों पर मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

दूसरे बूथों के बुलाए गए कर्मी

पवा, महोबकंठ, भरवारा, तथा जैतपुर ब्लॉक के पोलिग बूथों पर मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण दिक्कत होने लगी। अंधेरा होने पर कुछ बूथों में पेट्रोमेक्स जलवानी पड़ी।

ग्राम ननवारा, नयापुरा जैतपुर, इंग्लिश मीडियम जैतपुर उच्च प्राइमरी पाठशाला मौहारी में अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाया गया। इसी तरह नगारा डांग, घंघौरा, बुधवारा, आरी, बम्होरी खुर्द , करहरा डांग बिजोरी, रजौनी, बुधवारा, ग्राम पचारा, ग्राम अतरपठा में देर शाम तक मतदान हुआ।

तलाशे नहीं मिला ठेकेदार

बूथों पर रोशनी की व्यवस्था के लिए ठेकेदार को जिम्मेदारी दी गई थी। शाम को जैसे ही अंधेरा होने लगा तो बूथों पर रोशनी की जरूरत पड़ी। पीठासीन ने सेक्टर मजिस्ट्रेट से शिकायत की। इसके बाद ठेकेदार की तलाश होने लगी लेकिन उसका कहीं पता नहीं था। आखिर में ग्रामीणों की मदद से कई बूथों पर गैस सिलिडर व पेट्रोमैक्स जलवाई गई।

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