डायलिसिस यूनिट से लोगों को मिलेगी राहत
जागरण संवाददाता महोबा कोरोना संक्रमण के लगातार दो बार वार से जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य व्यवस्
जागरण संवाददाता, महोबा: कोरोना संक्रमण के लगातार दो बार वार से जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में काफी सुधार कर लिया है। जिला अस्पताल में अधूरे संसाधनों को पूरा कराने के साथ कई नई यूनिटों को स्थापित किया गया है। इसी में से एक है डायलिसिस यूनिट का काम प्रारंभ हो जाना। इससे पूर्ण हो जाने के बाद अब इसकी आवश्यकता पर मरीज को दूसरे शहर को नहीं भागना पड़ेगा। उम्मीद की जा रही है कि कुछ ही माह में यह चालू भी हो जाएगी। शासन की ओर से पहली किस्त मिल चुकी थी जिसके तहत काम तेजी के साथ प्रारंभ कर दिया गया है।
जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत धीरे-धीरे सुधार की ओर है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान काफी संसाधनों की भरपाई की गई। पहले आक्सीजन को लेकर जिले में तीन जेनरेटर प्लांट स्थापित कराने की ओर कदम बढ़ाए गए। डीएम की पहल पर शासन ने इसकी स्वीकृति भी दे दी। अब जिले में डायलिसिस यूनिट की स्थापना हो रही है। यह यूनिट सात करोड़ की लागत से तैयार हो रही है। अभी तक गुर्दा संबंधी मरीज गंभीर अवस्था में बांदा या फिर कानपुर, झांसी जाते थे। जिले में इस तरह की बीमारी वाले मरीजों की समस्या को देखते हुए डीएम सत्येंद्र कुमार ने शासन को पत्र जारी कर जिले में डायलिसिस यूनिट स्थापित करवाने की मांग की थी। इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया था। बजट जारी होने के साथ ही यूनिट के लिए भवन तैयार हो रहा है। जिला अस्पताल में वैक्सीन स्टोर के नजदीक ही इसे स्थापित किया जा रहा है। सीएमएस डा आरपी मिश्रा ने बताया कि दस लाख रुपये के करीब पहली किस्त जारी हुई थी। इसके साथ ही इसका प्रारंभिक काम चालू हो गया है।
मिल सकेगी सुविधा
जिला अस्पताल में डायलिसिस सुविधा मिल जाने से गुर्दा संबंधी मरीजों को सुविधा होगी। डायलिसिस दो प्रकार की होती है। हेमोडायलिसिस (एचडी), पेरिटोनियल डायलिसिस (पीडी), रोगियों को एक सप्ताह में तीन बार हेमोडायलिसिस और दिन में तीन बार पेरिटोनियल डायलिसिस के लिए कहा जाता है। मशीन का उपयोग करके रक्त को फिल्टर और शुद्ध करता है। जब गुर्दे अपना काम नहीं कर सकते तब यह तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखने में सहायता करता है।