ब्लाक से जारी आदेश पर फंसे अधिकारी, जांच पर चुप्पी

जागरण संवाददाता महोबा चरखारी ब्लाक से ही यह आदेश जारी हुआ था कि पंचायतों में मकान न

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:47 PM (IST)
ब्लाक से जारी आदेश पर फंसे अधिकारी, जांच पर चुप्पी
ब्लाक से जारी आदेश पर फंसे अधिकारी, जांच पर चुप्पी

जागरण संवाददाता, महोबा : चरखारी ब्लाक से ही यह आदेश जारी हुआ था कि पंचायतों में मकान नंबर की नई प्लेट लगाई जाए। इसके लिए आदेश के साथ टीम भी भेजी गई थी। अब मामला सामने आ गया तो अधिकारी अपने को बचा रहे हैं। सभी जांच के नाम पर चुप्पी साध बैठे हैं। फिलहाल यदि जांच हो जाती है तो सारी सच्चाई अपने आप सामने आ सकती है।

पंचायतों में ब्लाक का आदेश जारी होने के बाद ही प्रत्येक घर को पचास रुपये की मकान नंबर प्लेट बिक्री की गई। जब इसकी पोल खुली तो अधिकारियों ने अब जांच के नाम पर चुप्पी ओढ़ ली है। उनका कहना है कि जब किसी ने शिकायत नहीं की तो जांच भी नहीं हो रही है। वहीं जिन ग्रामीणों के रुपये लिए गए थे, उन्हें वापस करने में भी जल्दबाजी करते हुए पूरे मामले को रफादफा करने की कोशिश हुई। यहां तक जो टीम लगी थी उन लोगों को भी भागने का पूरा मौका दिया गया।

इस मामले में चरखारी ब्लाक की पंचायत रिवई के प्रधान श्रीपत का कहना था कि गांव आई चार सदस्यों की टीम ने जो पत्र दिखाया था वह ब्लाक से ही जारी किया गया था। खंड विकास अधिकारी के हस्ताक्षर भी थे। पंचायत सचिव नरेश यादव ने भी इसके लिए अनुमति दी थी। इसी ब्लाक की पड़ौरा, सूपा पंचायत में भी मकान के नंबर प्लेट बिक्री की गई थी। आरोपित रामलाल, दीपक ओझा सहित अन्य लोगों से इस मामले पूछताछ तक नहीं की गई। जांच से क्यों बच रहे अधिकारी

मकान नंबर प्लेट बिक्री में जांच के नाम से ही अधिकारी बचाव करते घूम रहे हैं। खंड विकास अधिकारी प्रशांत यादव ने कहा कि जब कोई शिकायत ही नहीं कर रहा है तो जांच कैसे हो सकती है।

जिन ग्रामीणों से रुपये लिए गए थे उन्हें वापस करा दिए गए हैं। अब यदि कोई शिकायत करेगा तो मामले की जांच कराई जाएगी।

- प्रशांत कुमार यादव, बीडीओ, चरखारी

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