अब प्राथमिकता से होगा क्रशर उद्योग की समस्याओं का निस्तारण
संस कबरई (महोबा) महोबा जिले की खनिज एवं क्रशर मंडी के पुन संचालित होने की उम्मीद उद्यि
संस, कबरई (महोबा): महोबा जिले की खनिज एवं क्रशर मंडी के पुन: संचालित होने की उम्मीद उद्यमियों में जगी है। विधान परिषद सदस्य व शासन के विशेष प्रतिनिधि के रूप में शनिवार को महोबा आए भाजपा उपाध्यक्ष एके शर्मा ने क्रशर यूनियन के प्रतिनिधि मंडल से स्वयं मिलकर उद्योग की समस्याओं को जाना।
विधान परिषद सदस्य को भाजपा कार्यालय में क्रशर यूनियन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन देते हुए बताया कि पूरे देश में उप्र ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां खनन क्षेत्रों की नीलामी ई-टेंडरिग व ई-आक्शन के माध्यम से होती है। परिणाम स्वरूप खनन क्षेत्रों में पूंजीपतियों का ही कब्जा होता जा रहा है। प्रदेश की खनन नीति अन्य प्रदेशों के समान करने, इनवायरमेंट क्लियरेंस (ईसी) में शासन स्तर से शीघ्र निस्तारित किए जाने, खनन क्षेत्रों के आवंटन में क्रशर स्वामियों को प्राथमिकता दिए जाने, अन्य प्रदेशों के उपखनिज का प्रदेश में परिवहन किए जाने पर प्रदेश की रायल्टी अनिवार्य करने के सुझाव दिए। यूनियन अध्यक्ष बालकिशोर द्विवेदी ने बताया कि 2018 तक 350 क्रशर प्लांट व इतने ही खनन क्षेत्र संचालित थे। जिनमें एक लाख श्रमिक, लघु उद्यमी प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार पाते थे। अन्य प्रदेशों से खनिज नीति में भिन्नता के कारण जिले का क्रशर व खनन उद्योग समाप्त हो गया है। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने प्रतिनिधि मंडल को लखनऊ आने को कहा तथा राज्य सरकार व केंद्र सरकार के स्तर पर क्रशर व खनन उद्योग की समस्याओं को दूर कराने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में देवेंद्र मिश्र,रूपेंद्र सिंह, प्रणव त्रिपाठी मौजूद रहे। भाजपा सदर विधायक राकेश गोस्वामी, जिलाध्यक्ष जीतेंद्र सेंगर आदि मौजूद रहे।