भगवान भूतनाथ को अति प्रिय है सावन मास
जागरण संवाददाता महोबा सावन मास का शुभारंभ रविवार से हो रहा है। यह मास भगवान भोलेनाथ
जागरण संवाददाता, महोबा : सावन मास का शुभारंभ रविवार से हो रहा है। यह मास भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय है। भोले बाबा और माता पार्वती की आराधना कर भक्त उन्हें प्रसन्न करते हैं। पूरे मास सात्विक रहते हुए सोमवार का व्रत रहने से भोलेबाबा की विशेष कृपा मिलती है।
पंडित भरत त्रिपाठी कहते हैं, कि एक कथा आती है कि मारकंडेय जी ने लंबी आयु के लिए सावन महीने में भोले बाबा की प्रसन्नता के लिए घोर तपस्या की थी। मान्यता के अनुसार सावन मास का विशेष महत्व है। कथाओं में यह भी है कि भगवान शिव सावन के महीने में पृथ्वी पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे। उनका स्वागत अर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था। पुराणों में है कि सावन मास में समुद्र मंथन किया गया था। उसमें जो हलाहल विष निकला, उसे भोलेशंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की। विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिग पर जल चढ़ाने का ़खास महत्व है। इसी कारण सावन मास में भोले को जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह भी वर्णित है कि सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसलिए यह समय सभी के लिए अमूल्य होता है। तत्पश्चात सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व शिव ग्रहण करते हैं। इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान भोलेनाथ माने गए हैं।