हालातों से लड़े-जूझे और जीत कर निकले
जागरण संवाददाता महोबा कोरोना संक्रमण का नाम सुन कर ही लोग कांप जा रहे हैं लेकिन जिन्
जागरण संवाददाता, महोबा: कोरोना संक्रमण का नाम सुन कर ही लोग कांप जा रहे हैं लेकिन जिन्हें कोरोना ने घेर और लगातार पीड़ा दी वह उससे कैसे जूझे और फिर जीत कर बाहर निकल आए। उन्होंने कोरोना की वह जंग कैसे जीती आइए उनकी ही जुबानी सुनते हैं।
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नियमों का कड़ाई से किया पालन
- हमें जरा सी आशंका हुई कि शायद लगातार जुकाम है इससे कहीं कोई संक्रमण तो नहीं है, इस पर जिला अस्पताल जाकर कोविड की जांच कराई। आरटीपीसीआर जांच करके नमूना बाहर भेज दिया गया। इस दौरान घर आकर अपने को अलग क्वारंटाइन कर लिया। चार दिन बाद रिपोर्ट आई तो पॉजिटिव थी। इस पर अपने को कोविड सेंटर में भर्ती करवा दिया। वहां करीब 15 दिन रहा। इस दौरान योग, संगीत आदि सुनने के साथ वहां डॉक्टर की ओर से जो डाइट सुझाई गई उसी का पालन किया। स्वस्थ हुआ तो घर भेज दिया गया। घर पर भी कुछ समय के लिए क्वारंटाइन रहा अब सभी स्वजन के साथ खुश हूं।
निरंजन, गांधी नगर महोबा।
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- एक माह घर वालों से रहा दूर
कोरोना की पहली लहर में ही संक्रमण की चपेट में आ गया था, गलती हमारी ही थी, हम सफर के दौरान कोरोना की चपेट में आए थे, गनीमत रही कि शंका पर घर आने से पहले ही जांच करा ली थी, जैसे ही पता चला कि मैं संक्रमित हूं तो अपने को कोविड में भर्ती करवा दिया, डॉक्टर ने उपचार के साथ जो नियम बताए उनका पालन किया, उससे भी बड़ी बात कि इस दौरान योग और ध्यान के माध्यम का अधिक सहारा लिया, करीब एक माह तक अपने को अपनों से दूर रखा लेकिन आज स्वस्थ हूं और सभी के लिए यही संदेश है कि अपनों की खुशी के लिए अपने को सुरक्षित रखिए।
सुनील, सुभाष नगर महोबा।