कोविड संक्रमितों के इलाज के साथ बढ़ा रहीं हौसला
अभिषेक द्विवेदी महोबा चिकित्सक को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहते। कोविड-19 की इस संकट
अभिषेक द्विवेदी, महोबा : चिकित्सक को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहते। कोविड-19 की इस संकट की घड़ी में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दे रहे है और धीरे-धीरे ेकोरोना की भयावह तस्वीर की जगह अब निगाहों में सुकून दिखने लगा है।
बात डॉ. मनीषा त्रिपाठी की करें तो वह कबरई सीएचसी में चिकित्सक है। लेकिन वर्तमान में उनकी तैनाती कोविड एल-2 अस्पताल श्रीनगर में की गई है। डॉ. मनीषा संक्रमितों के इलाज के साथ ही उनका हौसला बढ़ा रही है और रात दिन उनकी सेवा में तत्पर है। सूचना मिलने पर तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती है। ड्यूटी से इतर इंटरनेट मीडिया, फोन पर आदि माध्यम से सूचना मिलने पर वह संक्रमित की हर संभव मदद कर रही है। उनके मुताबिक 15 अप्रैल से अब तक यहां 314 संक्रमित भर्ती हो चुके हैं और अब महज 23 लोग ही बचे हैं। वह भी जल्द ठीक हो जाएंगे। सुरक्षित घर लौटे गंभीर मरीज
महोबा : एल-2 अस्पताल में कुछ गंभीर मरीज भी भर्ती हुए। उनका हौसला बढ़ाने के साथ ही सुविधाओं का ख्याल रखा गया। उनके मुताबिक श्रीनगर, बड़ापुरा श्रीनगर, शहर के अमृत कालोनी, गांधीनगर व मुख्यालय के ही एक संक्रमित की हालत सीरियस थी, लेकिन अब वे सुरक्षित अपने घरों को पहुंच चुके है। जरूर कराएं वैक्सीनेशन
डॉ. मनीषा कहती हैं कि वैक्सीन सुरक्षित है। सभी को वैक्सीन लगवानी चाहिए और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। सर्दी, बुखार आदि लक्षण होने पर तत्काल जांच कराएं। चिकित्सक की सलाह लेते रहें। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में संसाधन व दवाएं है। लोग नियमित योग करें, गर्म पानी का सेवन करें और समय-समय पर भाप लेते रहें।