सावन की रिमझिम से फसलों को मिली संजीवनी
जागरण संवाददाता महोबा आषाढ़ मास भले ही किसानों के लिए बारिश के नजरिए से बेहतर नहीं
जागरण संवाददाता, महोबा : आषाढ़ मास भले ही किसानों के लिए बारिश के नजरिए से बेहतर नहीं रहा लेकिन सावन माह प्रारंभ होने के साथ ही रिमझिम बारिश दम तोड़ रही फसलों के लिए संजीवनी बन गई। मंगलवार को दिन, और बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक रुक-रुक कर हो रही बारिश से सूखी जमीन की काफी हद तक प्यास बुझ गई। नदी-नालों और तालाबों में पानी का स्तर भले ही अभी नहीं बढ़ा लेकिन खेती किसानी के लिए यह बारिश काफी मददगार साबित होगी।
इस साल मई और जून माह में जहां 16.60 व 41.40 मिमी बारिश हुई वहीं जुलाई माह में अब तक यह आंकड़ा 80 के करीब पहुंच चुका है। इस बार जून माह में तेज धूप और लगातार बादल आने के बाद भी बारिश न होने से किसानों में चिता थी। आषाढ़ माह में जब बारिश की आशा रहती है उसमें भी बरसात नहीं हुई थी। बारिश से फसलों को फायदा : इस समय खरीफ की फसल में तिली, उर्द, मूंग, मूंगफली की फसल बोई जा चुकी हैं। इन फसलों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। वहीं उन किसानों को मामूली नुकसान हो सकता है जिन्हें एक दो दिन में फसल बोई है। किसान हुए खुश : किसान नारायणदास निवासी भरवारा कहते हैं कि यदि और पानी गिर जाएगा तो आगे के लिए काफी राहत मिल सकेगी। यहीं के किसान मथुरा प्रसाद कहते हैं कि फसलों को सिचाई की जरूरत थी इससे काफी पैसा बच गया। चुरारी के किसान इंदल यादव, रामसहाय का कहना है कि सब्जी फसल को भी फायदा पहुंचा है। रिछा के किसान सुरेश कहते हैं कि यदि लगातार ऐसे ही तीन-चार दिन बारिश हो जाएगी तो आगे के लिए किसानों को बहुत राहत हो जाएगी।
धीमे-धीमे होने वाली बारिश से जमीन के अंदर तक पानी सूखता जाता है, इससे किसानों को बहुत फायदा होगा।
- जीराम, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि