फर्जी हस्ताक्षर कर उठाया बाल पोषाहार, बैठी जांच

संवाद सूत्र महोबकंठ (महोबा) पनवाड़ी ब्लाक के बम्हौरी कुर्मिन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:20 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:20 PM (IST)
फर्जी हस्ताक्षर कर उठाया बाल पोषाहार, बैठी जांच
फर्जी हस्ताक्षर कर उठाया बाल पोषाहार, बैठी जांच

संवाद सूत्र, महोबकंठ (महोबा): पनवाड़ी ब्लाक के बम्हौरी कुर्मिन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्टर में हस्ताक्षर कर बाल पोषाहार तो लिया जा रहा था, लेकिन वह बच्चों में न वितरित होकर कार्यकत्री ले जा रही थीं। मामला तब खुला जब केंद्र पर कुछ अभिभावक पहुंचे और वहां अपने हस्ताक्षर बने देखे। शिकायत करने पर मामले की जांच के लिए बुधवार को मुख्य सेविका केंद्र पर पहुंचीं और गांव के लोगों को बयान के लिए बुलवाया गया। इस दौरान 15 ऐसे लोग सामने आए जिनके नाम रजिस्टर में लिख थे, लेकिन उन्हें बाल पोषाहार नहीं मिला था। जांच अधिकारी अरुणा सिंह ने कहा कि इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी।

सरकार भले ही बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन सच्चाई यह है कि इसका लाभ बच्चों तक नहीं पहुंच रहा है। ऐसा ही एक मामला बम्हौरी कुर्मिन गांव में सामने आया है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से बच्चों व गर्भवती महिलाओं को पोषाहार न देने की शिकायत की थी। जिसकी जांच करने मुख्य सेविका अरुणा सिंह बुधवार को गांव पहुंची। आरोप था कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री पानकुंवर ने फर्जी तरीके से बच्चों के अभिभावकों के हस्ताक्षर किए साथ ही राशन नहीं दिया गया। जांच अधिकारी ने जब कार्यकत्री से पूछा तो उसने बताया कि वह मोहल्ले वालों को राशन दे देती थी। तभी गांव की महिला शारदा ने बताया कि एक बार एक दूसरी महिला को भेजा था तो उसे भगा दिया था। वहां मौजूद अभिभावक मान सिंह, राजेश ने भी कहा कि उनके बच्चों को दो माह से राशन नहीं दिया। ग्राम प्रधान सतेंद्र पटेल ने बताया कि दो माह से बच्चों को पुष्टाहार नहीं दिया जा रहा था। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई थी। जांच करने पहुंची मुख्य सेविका अरुणा सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया हस्ताक्षर फर्जी प्रतीत हो रहे हैं, रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।

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